करवारी फार्म हाउस शराब कांड में बड़ा खुलासा: डोंगरगढ़ पुलिस ने तीन और आरोपियों को दबोचा

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अंतरराज्यीय तस्करों के तार महाराष्ट्र, एमपी और तेलंगाना से जुड़े — राजनीतिक संरक्षण पर भी उठे सवाल

राजनांदगांव (नांदगाँव टाइम्स) डोंगरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम करवारी स्थित फार्म हाउस में अवैध शराब डंपिंग मामले में पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। इस मामले में पहले गिरफ्तार किए गए आठ आरोपियों के बाद अब तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस प्रकार अब तक कुल 11 आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं।

पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 29 मार्च को करवारी गांव में लतमर्रा जाने वाले कच्चे रास्ते के किनारे स्थित रोहित नेताम उर्फ सोनू के फार्म हाउस से मध्यप्रदेश निर्मित 432 पेटी अवैध शराब बरामद की गई थी, जिसकी अनुमानित कीमत 27,32,670 रुपये है। साथ ही मौके से शराब की खाली शीशियाँ, ढक्कन, होलोग्राम स्टिकर व अन्य सामग्री भी जब्त की गई थी।

गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं

नंदकिशोर वर्मा उर्फ नीतू वर्मा उर्फ छोटा कट्टी, जो पहले से ही जगदलपुर जेल में बंद था। उसे प्रोटेक्शन वारंट पर लाकर पूछताछ की जा रही है।ओमकार गर्ग उर्फ हड्डी, जिसे हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया।पवन शर्मा, जो महाराष्ट्र के गोंदिया का निवासी है, और शराब की ढक्कन/शीशी की आपूर्ति में बिचौलिए की भूमिका निभाता था।

पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी मध्यप्रदेश की शराब को छत्तीसगढ़ की नकली बोतलों और लेबल में भरकर अधिक मुनाफा कमाने के लिए बेचते थे। आरोपी सोनू के निशानदेही पर फार्म हाउस से अधजली बोतलें व ढक्कन जमीन में गाड़कर रखे गए थे, जिन्हें बरामद कर लिया गया है।

क्या इस पूरे मामले के पीछे है राजनीतिक संरक्षण ?

इतना बड़ा नेटवर्क, अंतरराज्यीय तस्करी, भारी मात्रा में शराब, गुप्त रूप से संचालित फार्म हाउस—इन तमाम तथ्यों के बाद यह सवाल अब जोर पकड़ने लगा है कि क्या यह सब कुछ बिना किसी राजनीतिक संरक्षण के संभव था ?

स्थानीय सूत्रों की मानें तो आरोपियों के कुछ सत्ताधारी नेताओं से करीबी संबंध हैं। वहीं, पुलिस अब तक किसी भी राजनीतिक हस्ती या रसूखदार व्यक्ति के नाम का खुलासा नहीं कर रही है, जिससे यह आशंका गहराती जा रही है कि कहीं पुलिस जानबूझकर नेताओं को बचाने की कोशिश में तो नहीं लगी है?

डोंगरगढ़ पुलिस की अब तक की कार्रवाई, अब तक 11 आरोपी गिरफ्तारचार राज्यों में फैला है नेटवर्क

महाराष्ट्र, बिहार, मध्यप्रदेश और तेलंगाना गिरफ्तार आरोपियों पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्जथाना प्रभारी का कहना है कि गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश के लिए चार राज्यों में दबिश दी जा रही है। यह मामला अब एक अंतरराज्यीय शराब तस्करी सिंडिकेट के रूप में सामने आ रहा है, जिसमें कई और बड़े खुलासे संभव हैं।

हालांकि जनता अब पुलिस की मंशा पर सवाल उठा रही है, और मांग कर रही है कि जांच निष्पक्ष हो व राजनीतिक संबंध रखने वालों को भी बेनकाब किया जाए।