रायपुर (नांदगाँव टाइम्स) – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 4 और 5 अप्रैल को दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे राज्य की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे, नक्सल विरोधी अभियानों की प्रगति का जायजा लेंगे और बस्तर क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सम्मानित करने के लिए आयोजित ‘बस्तर पंडुम’ महोत्सव में भाग लेंगे।
बस्तर पंडुम महोत्सव में करेंगे शिरकत
गृह मंत्री अमित शाह 5 अप्रैल को दंतेवाड़ा जिले में आयोजित ‘बस्तर पंडुम’ महोत्सव के समापन समारोह में शामिल होंगे। यह महोत्सव छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति, परंपरा और लोक कलाओं को समर्पित है। यहां स्थानीय कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे, जिसमें पारंपरिक नृत्य, संगीत, हस्तशिल्प, लोक व्यंजन और जनजातीय रीति-रिवाजों का जीवंत प्रदर्शन किया जाएगा।
बस्तर क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इस महोत्सव को और भव्य बनाने की योजना बनाई है। इस कार्यक्रम के दौरान, अमित शाह स्थानीय आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधियों से संवाद करेंगे और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
मां दंतेश्वरी मंदिर में करेंगे पूजा-अर्चना
दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान गृह मंत्री मां दंतेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। यह मंदिर छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का प्रतीक है और यहां श्रद्धालुओं की गहरी आस्था जुड़ी हुई है। उनके इस दौरे से क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
नक्सल विरोधी अभियानों की समीक्षा
अमित शाह अपने दौरे के दौरान सुरक्षा बलों के कमांडरों के साथ उच्च स्तरीय बैठक करेंगे, जिसमें राज्य में नक्सल विरोधी अभियानों की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की जाएगी। केंद्र सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।बैठक में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), राज्य पुलिस और अन्य एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। गृह मंत्री इस दौरान सुरक्षा बलों को नई रणनीति और संसाधनों की उपलब्धता पर निर्देश देंगे।
नक्सलियों ने की शांति वार्ता की पेशकश
अमित शाह के दौरे से पहले, नक्सलियों की केंद्रीय समिति ने सरकार के साथ शांति वार्ता करने की इच्छा जताई है, लेकिन इसके लिए उन्होंने सुरक्षा अभियानों को रोकने की शर्त रखी है। इस पर राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि सरकार बिना शर्त वार्ता के लिए तैयार है, यदि नक्सली वास्तव में मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं।विशेषज्ञों का मानना है कि अमित शाह के इस दौरे से छत्तीसगढ़ में नक्सल समस्या के समाधान की दिशा में बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। सरकार पहले भी आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए योजनाएं बना चुकी है, लेकिन इस बार बातचीत को लेकर स्थिति और स्पष्ट हो सकती है।
दौरे का राजनीतिक महत्व
अमित शाह का यह दौरा राजनीतिक दृष्टिकोण से भी काफी अहम माना जा रहा है। छत्तीसगढ़ में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सत्ता में वापसी की है। ऐसे में गृह मंत्री की यात्रा को पार्टी के संगठनात्मक मजबूती और राज्य सरकार को केंद्र के समर्थन के रूप में भी देखा जा रहा है।
संभावित कार्यक्रम इस प्रकार है:
• 4 अप्रैल: रायपुर में भाजपा नेताओं और राज्य सरकार के मंत्रियों के साथ बैठक। • 5 अप्रैल: दंतेवाड़ा में ‘बस्तर पंडुम’ महोत्सव में शामिल होंगे और मां दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन करेंगे। • 5 अप्रैल: सुरक्षा बलों के साथ उच्च स्तरीय बैठक और नक्सल विरोधी अभियानों की समीक्षा।
छत्तीसगढ़ के लिए अहम दौरा
गृह मंत्री अमित शाह का यह दौरा छत्तीसगढ़ की आंतरिक सुरक्षा और सांस्कृतिक विरासत दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जहां एक ओर वे राज्य में नक्सल उन्मूलन अभियान को और तेज करने की दिशा में कदम उठाएंगे, वहीं दूसरी ओर बस्तर क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने का भी प्रयास किया जाएगा।सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह दौरा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, जिससे छत्तीसगढ़ में स्थिरता और विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।