डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सम्मान सभा एवं संगोष्ठी का आयोजन हुआ

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राजनांदगांव। भारतीय जनता पार्टी द्वारा देश भर में 14 अप्रैल से 25 अप्रैल तक भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती को पखवाड़े के रूप में मनाने के आव्हान के तहत श्री गोविंद राम निर्मलकर ऑडिटोरियम हॉल में डॉ भीमराव अंबेडकर सम्मान सभा एवं संगोष्ठी का सफल आयोजन हुआ, इसमें मुख्य वक्ता के रूप में पूर्व राष्ट्रीय महासचिव एवं नगरीय निकाय मंत्री मध्यप्रदेश शासन कैलाश विजयवर्गिय विशेष रूप से शामिल हुए। कार्यक्रम के विशेष अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, सांसद संतोष पांडे, पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे, महापौर मधुसूदन यादव, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, पर्यटन मंडल के अध्यक्ष नीलू शर्मा, श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष योगेश मिश्रा उपस्थित थे।
भाजपा मीडिया सेल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस अवसर पर सर्वप्रथम भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष रविंद्र रामटेके ने स्वागत प्रतिवेदन रखा। मध्य प्रदेश के आक्रामक नेता कैलाश विजयवर्गिय ने अपने ओजस्वी विचार रखते हुए कहा कि अब्राहम लिंकन ने दास प्रथा का अंत किया नेल्सन मंडेला ने गुलाम प्रथा का अंत किया और वह दोनों नेता विश्व नेता के रूप में प्रसिद्ध हुए, परंतु बाबा साहब अंबेडकर ने जो संविधान निर्माण के माध्यम से उच-नीच, भेदभाव, छुआछूत को समाप्त करने का महान कार्य किया, परंतु देश का दुर्भाग्य है कि बाबा साहब अंबेडकर कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण विश्व प्रसिद्ध नेता नहीं बन पाए। कांग्रेस द्वारा एक परिवार को महिमा मंडल करने की गलत नीतियों के कारण बाबा साहब अंबेडकर को सदैव ही नीचा दिखाया गया। बाबा साहब अंबेडकर नेहरू द्वारा कश्मीर में धारा 370 लगाने के विरोध में एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने स्पष्ट तौर पर लिखा की धारा 370 लगाने से देश की आत्मा की मृत्यु हो जाएगी, परंतु नेहरू द्वारा वोट बैंक की राजनीति के कारण उन्होंने उसे लागू कराया। बाद में बाबा साहब अंबेडकर ने लगातार हिंदू बिल पास करने का प्रयास किया, परंतु नेहरू ने ऐसा होने नहीं दिया, उस समय सबसे शिक्षित सबसे समझदार और अनुभवी बाबा साहब अंबेडकर थे, जिनकी योग्यता विदेश मंत्री और वित्त मंत्री बनने की थी, परंतु कांग्रेस के उन्हें संविधान सभा की बैठक में भी वंचित करने का कुचक्र रचा, कांग्रेस लगातार बाबा साहब को प्रताड़ित और अपमानित करने का षड्यंत्र रचा करती थी। उन्होंने बताया कि भाजपा ने हमेशा ही अंबेडकर साहब का देशभक्ति नीतियों के कारण सम्मान किया। 1952 के चुनाव में पूरी संघ परिवार की टीम उन्हें जिताने में लगी, परंतु कांग्रेस के तानाशाही षड्यंत्र के कारण 78000 वोटों को अमान्य घोषित करते हुए 20000 वोटों से बाबा साहब अंबेडकर को हार का सामना करना पड़ा।
मंत्री कैलाश विजयवर्गिय ने कहा कि आज देश की यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा साहब की नीतियों का अनुसरण करते हुए महिला सशक्तिकरणए समानता का सूत्र एवं गरीबी दूर करने के सूत्र का अनुसरण करते हुए देश को आगे बढ़ने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज 125 देश में बाबा साहब अंबेडकर की जयंती मनाई जा रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ में भी बाबा साहब की जयंती मनाई गई है, जिसके पीछे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने गरीब कल्याण अन्य योजना के माध्यम से देश भर के गरीबों को निःशुल्क अनाज देने की योजना जिन गरीबों ने कभी बैंकों के दर्शन नहीं किए थे ऐसे 60 करोड़ लोगों के जनधन खाते खुलवाए और अब सीधे ही उनके खातों में पैसे भेजने का पारदर्शी माध्यम अपनाया है। आवास के माध्यम से गरीब लोगों का पक्का घर का निर्माण का सपना आज पूरा हो रहा है, तो इसके पीछे भी बाबा साहब अंबेडकर की सोच है जिसका अनुसरण नरेंद्र मोदी कर रहे हैं।
कैलाश विजयवर्गिय ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि देश के बाहर जाकर देश की बुराई और आलोचना करने से पूर्व भाजपा के सिद्धांतों और नेशन फर्स्ट की बात पर अमल करते हुए अटल बिहारी वाजपेई से जुड़ी हुई एक सच्ची घटना सुनाई, और बताया कि जब यूनाइटेड नेशन ने कश्मीर में मानव अधिकार से संबंधित नोटिस भेजा तो प्रधानमंत्री नरसिंह राव ने भारत के प्रतिनिधि मंडल में नेता प्रतिपक्ष अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व में दल को भेजा।
यूनाइटेड नेशन में अटल बिहारी वाजपेई ने भारत की कश्मीर नीति की प्रशंसा की और मानव अधिकार संबंधित आरोपों को झूठा सिद्ध किया। बाद में पत्रकारों ने जब अटल जी से पूछा कि आप संसद में पानी पी पीकर कांग्रेस को कोसते हैं, और विदेश में आकर उनकी प्रशंसा कर रहे हैं तो अटल जी का जवाब था की, मैं अपनी पार्टी का झंडा कार्यालय में छोड़ आया हूं। यहां मैं देश का झंडा लेकर आया हूं।
मंत्री कैलाश विजयवर्गिय ने उपस्थित सभी अंबेडकर प्रेमियों को पंचशील के पहले तीर्थ स्थल मध्यप्रदेश स्थित मऊ जहां बाबा साहब अंबेडकर का जन्म हुआ था, वहां पर बाबा साहब अंबेडकर स्मारक समिति के माध्यम से भव्य स्मारक के निर्माण स्थल को देखने एवं शिक्षा के तीर्थ का भ्रमण करने हेतु उन्होंने सभी लोगों से आह्वान किया।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने इंदौर मऊ में जन्मे भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रशंसा करते हुए कहा कि एक व्यक्ति जो विचार बन गया, एक विचार जो आंदोलन बन गया और एक आंदोलन जिसे भारत को एक नया संविधान दिया, जिसके कारण दलित पिछड़े और शोषित लोगों को स्वाभिमान से जीने का अधिकार मिला, ऐसे भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, जिसकी जयंती 14 अप्रैल को आज पूरा विश्व मनाता है, उसे सेवा पखवाड़े के रूप में भाजपा ने पूरे देश में मनाने का जिम्मा लिया है। ऐसे भारत माता के सपूत को हम आज याद कर रहे हैं जिसका हमें गर्व है।
कार्यक्रम में सांसद संतोष पांडे एवं महापौर मधुसूदन यादव ने संविधान की किताब को जेब में लेकर चलने वाले राहुल गांधी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि संविधान के विषय में भ्रम फैलाने वाले कांग्रेसी पहले इतिहास पढ़ लेने की नसीहत देते हुए बताया कि आपातकाल में श्रीमती इंदिरा गांधी ने लगातार मूल संविधान में संशोधन किया और एक लाख से अधिक लोगों को जेल में डालकर सैकड़ो की मात्रा में संविधान संशोधन करते हुए अपने अनुकूल नियम कानून बनाए।
महापौर मधुसूदन यादव ने कहा कि भाजपा कभी भी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के संविधान को नहीं बदलेगी।
आज के संगोष्ठी सभा में कार्यक्रम का संचालन सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक शरद श्रीवास्तव एवं आभार प्रदर्शन जिला भाजपा अध्यक्ष कोमल सिंह राजपूत ने किया।
इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री रामजी भारती, वरिष्ठ भाजपा नेता खूबचंद पारख, संतोष अग्रवाल, सचिन बघेल, सुरेश एच लाल, जिला अध्यक्ष कोमल सिंह राजपूत, किरण वैष्णव, किरण साहू, शशिकांत द्विवेदी, पूर्व विधायक विनोद खांडेकर, चंद्रिका डडसेना, आभा तिवारी, रविंद्र वैष्णव, राजेंद्र गोलछा, आलोक बिंदल, सहित सभी भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।
भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष रविंद्र रामटेक ने बताया कि इस अवसर पर समाज की विभिन्न ख्याति प्राप्त हस्तियों का सम्मान कैलाश विजयवर्गिय ने किया, जिसमें प्रमुख रूप से कांति कुमार फूले, डीपी लोनहरे, पीएल वासनिक, श्रीमती नंदा मेश्राम, पुष्पलता गणवीर, मोड़ोलाल देवदास, युवराज डिडहरे, प्रतिमा बंजारे, कन्हैया लाल खोब्रागढ़े, निलेश रामटेक, आनंद मोडकर, नकुल महोबे का विशेष रूप से सम्मान किया गया।