दिव्यांग ज्योति को मिला निशक्तजन पेंशन का सहारा, स्वीकृति मिलने पर मां के आंखों में भर आई खुशियों की आंसू

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मोहला। एक निशक्तजन की पीड़ा भला मां से ज्यादा कौन समझ सकता है। बेसहारा और गरीब के लिए दिव्यांग होना एक अभिशाप से कम नही है। जहां एक ओर शारीरिक लाचारी से जीवन की कसौटी को चलाना मुमकिन नहीं होता, वही गरीबी में यह हताशा और अधिक विकराल रूप धारण कर लेता है। एक जवान दिव्यांग बेटी के लिए मां की पीड़ा और अधिक बढ़ जाता है, जब वह अपनी बेटी की उचित देखभाल व परवरिश करने में असमर्थ होतो ऐसे में किसी प्रकार की सहायता मिलना मां के लिए एक अत्यंत हर्ष देने वाला पल होता है। जनपद पंचायत अंबागढ़ चौकी के ग्राम पंचायत छछानपहरी में आयोजित समाधान शिविर में आज दिव्यांग ज्योति कोरेटी के लिए अपार खुशियां देने वाला पल साबित हुआ है। सुशासन तिहार के अंतर्गत उनकी मां श्रीमती सांगली निवासी जानकी बाई कोरेटी ने एक पैर से दिव्यांग अपनी बेटी के लिए दिव्यांग पेंशन राशि स्वीकृत करने संबंधी आवेदन दिया था। आवेदन का परीक्षण कर उनकी बेटी ज्योति के लिए दिव्यांग पेंशन राशि स्वीकृत किया गया है। यहां आयोजित समाधान शिविर में उन्हें दिव्यांग पेंशन स्वीकृति का प्रमाण पत्र प्रदाय करने पर उनकी मां के आंखों से खुशियों की बयान देखने को मिला। उनकी मां ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा कि वह गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है, और खेती मजदूरी कर अपने जीवन यापन करती है। उन्होंने बताया कि वह गरीबों के चलते अपनी बेटी की अच्छे से देखरेख नहीं कर पा रही हैं। दिव्यांग पेंशन राशि मिलने से अब वह अपनी जरूरत के चीजों की पूर्ति कर सकेगी। उन्होंने कहा कि दिव्यांग पेंशन राशि स्वीकृति मिलने पर उनकी मां का बोझ कम हुआ है। उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने दिव्यांग मां की पीड़ा को समझ कर दिव्यांग पेंशन राशि की स्वीकृति दी है। इसके लिए उन्होंने शासन के प्रति आभार प्रकट किया है।