देश का सबसे बड़ा पोल्ट्री कॉन्क्लेव: ग्रामीण विकास और प्रोटीन क्रांति की नई पहल – बहादुर अली, एमडी, आईबी ग्रुप

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रायपुर।(नांदगाँव टाइम्स) आज रायपुर प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस वार्ता में आईबी ग्रुप के प्रबंध निदेशक श्री बहादुर अली ने देश के सबसे बड़े पोल्ट्री कॉन्क्लेव को लेकर मीडिया से विस्तारपूर्वक चर्चा की।

इस अवसर पर कंपनी की निदेशक श्रीमती जोया आफरीन आलम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।श्री अली ने कहा, “हमने गांव में रहकर गांव के विकास की सोच के साथ इस पोल्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया है। इसमें देशभर से पोल्ट्री व्यवसाय से जुड़े ट्रेडर्स और किसान शामिल होंगे।

आईबी ग्रुप की सफलता का श्रेय हमारे जुड़े हुए लोगों को जाता है, इसलिए उनका विकास हमारी प्राथमिकता है। जब हमारे लोग आगे बढ़ेंगे, तभी कंपनी भी आगे बढ़ेगी।”उन्होंने बताया कि वर्ष 2035 तक भारत को विकसित पोल्ट्री राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसका उद्देश्य देश में प्रोटीन की कमी को दूर कर हर नागरिक को स्वस्थ बनाना है। साथ ही रोजगार कार्यक्रमों के माध्यम से हर घर को आर्थिक रूप से समृद्ध कर आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल भविष्य तैयार किया जाएगा।

“अस्मिता योजना” से ग्रामीण महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर

राज्य सरकार की लखपति दीदी योजना को समर्थन देते हुए आईबी ग्रुप ने अस्मिता योजना शुरू की है, जिसके तहत ग्रामीण महिलाओं को पोल्ट्री फार्मिंग की ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। “हमारे एक फार्म से लगभग 300-500 लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलता है। इससे न सिर्फ पलायन रुकता है, बल्कि गांव में दुकानें, ट्रांसपोर्ट और बिजली जैसी सुविधाओं का भी विकास होता है,” श्री अली ने बताया।

गांवों में आई नई जागरूकता

श्री अली ने बताया कि अब ग्रामीण सरपंच खुद कंपनी से संपर्क कर अपने गांव में पोल्ट्री फार्म शुरू कराने की मांग कर रहे हैं। “अभी तक दस गांवों के सरपंचों ने आग्रह किया है कि आईबी ग्रुप उनके गांव में फार्म लगाए, ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके,” उन्होंने कहा।

आईबी ग्रुप का राष्ट्रीय विस्तार

वर्तमान में भारत के पोल्ट्री व्यवसाय में आईबी ग्रुप की 20% भागीदारी है, जिसे बढ़ाकर 50% तक ले जाने की योजना है। श्री अली ने बताया कि आईबी ग्रुप देश की इकलौती कंपनी है जो किसानों को व्यवसायिक प्रशिक्षण के साथ-साथ उनके परिवारों के विकास पर भी जोर देती है।

छत्तीसगढ़ बनेगा प्रोटीन हब

प्रोटीन पोषण पर ज़ोर देते हुए श्री अली ने कहा कि कंपनी सोया चंक्स के जरिए शाकाहारी प्रोटीन के प्रचार-प्रसार में लगी है, ताकि छत्तीसगढ़ को देश का पहला प्रोटीन हब बनाया जा सके।

मक्का की खेती बनेगी भविष्य का आधार

श्री अली ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ के किसान भविष्य में धान के स्थान पर मक्का की खेती की ओर अग्रसर होंगे क्योंकि इसमें लागत कम है और यह नगद फसल के रूप में अधिक लाभकारी है। अगले 10 वर्षों में मक्का राज्य की प्रमुख फसल बन जाएगी।

अंत में, उन्होंने मीडिया को आमंत्रित करते हुए कहा कि रायपुर के होटल ओमाया में आयोजित दो दिवसीय पोल्ट्री कॉन्क्लेव को कवर करें और इस महत्वपूर्ण पहल को जन-जन तक पहुँचाने में मदद करें।