राजनांदगांव। थाना सोमनी पुलिस एवं सायबर सेल राजनांदगांव की संयुक्त कार्रवाई में अंतर्राज्यीय गांजा तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए एक ट्रक से 215 किलो गांजा जब्त किया है, जिसकी बाजार कीमत लगभग 21ण्50 लाख रुपए आंकी गई है। साथ ही तस्करी में प्रयुक्त ट्रक (क्रमांक डब्ल्यूबी 23-ई 4218) दो मोबाइल फोन समेत कुल 46.75 लाख रुपए की सामग्री जब्त की गई है।
दिनांक 21 जुलाई 2025 को थाना सोमनी को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि एक ट्रक उड़ीसा से महाराष्ट्र की ओर गांजा लेकर जा रहा है, जो जीई रोड होते हुए राजनांदगांव की सीमा में प्रवेश करेगा। सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा एवं नगर पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र नायक के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी सोमनी के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित की गई।
पुलिस ने थाना सोमनी के सामने नाकाबंदी कर दी। कुछ देर बाद ट्रक आते दिखा जिसे रोककर तलाशी ली गई। ट्रक में ऊपर से स्पंज आयरन लदा था, लेकिन उसके पीछे ट्रक के डाले में 8 प्लास्टिक की बोरियों में पीवीसी टेप से लिपटा हुआ गांजा मिला। वजन करने पर गांजा 215 किलोग्राम पाया गया।

पकड़ गये आरोपी में भरत कुमार सिंह पिता रमाधार सिंह, उम्र-32 वर्ष, निवासी ताजपुर, थाना माझी, जिला छपरा (बिहार) एवं पुरन लाल लडिया उर्फ राजू पिता कुंजी लाल, उम्र 28 वर्ष, निवासी ग्राम कुमरोड़ा (रिचई), थाना सुआताला, जिला नरसिंहपुर (मध्यप्रदेश), हाल पता संबलपुर (उड़ीसा) शामिल हैं।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे 20 जुलाई की शाम को उड़ीसा से स्पंज आयरन लेकर महाराष्ट्र के जलना के लिए निकले थे। रास्ते में एक ढाबे पर उन्हें एक व्यक्ति ने पार्सल ले जाने का ऑफर दिया और प्रति बोरी 5000 रुपए देने की बात कही। लालच में आकर उन्होंने ट्रक में 08 बोरियों में गांजा भरवा लिया।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 20 (ख) एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर ट्रक, गांजा और मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।
मामले में शामिल अन्य फरार आरोपियों की तलाश पुलिस द्वारा की जा रही है। अंतर्राज्यीय नेटवर्क की भी जांच की जा रही है।
इस कार्रवाई में थाना प्रभारी उनि प्रमोद श्रीवास्तव, प्रधान आरक्षक डूलेश्वर साहू, आरक्षक कालीचरण देशमुख, लीला साहू, बेनु नेताम तथा सायबर सेल से उनि कैलाश मरई, प्रधान आरक्षक बसंत राव, आरक्षक परवेश वर्मा और हरिश ठाकुर की विशेष भूमिका रही।