राजनांदगांव। अखिल भारतीय पुरोहित पुजारी संघ द्वारा गीता जयंती का आयोजन श्रद्धा, उत्साह और धार्मिक fervour के साथ किया गया। संघ की पहल पर शहर के विभिन्न मंदिरों में भी गीता जयंती मनाने का प्रयास किया गया, जिससे पूरे क्षेत्र में धार्मिक माहौल निर्मित रहा।
पूजा–अर्चना से हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत भगवान श्रीकृष्ण के चित्र पर तिलक और पूजा–अर्चना के साथ की गई। इसके पश्चात सामूहिक रूप से श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ किया गया। मुख्य अतिथि और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पंडित देव कुमार निर्वाणी ने उद्बोधन देते हुए गीता के संदेश को जीवन में उतारने पर बल दिया।
गीता जयंती का आध्यात्मिक महत्व
अपने संबोधन में पंडित देव कुमार निर्वाणी ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला सिखाने वाला आध्यात्मिक मार्गदर्शन है। महाभारत युद्ध से पूर्व भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। गीता जयंती का उद्देश्य इस दिव्य ज्ञान को स्मरण करना और आत्मसात करना है।
भक्ति और प्रसाद वितरण का रहा आयोजन
कार्यक्रम में आरणा यादव ने गीता के श्लोकों का सस्वर पाठ कर सभी को भावविभोर कर दिया। बाद में मोहल्ला वासियों द्वारा प्रसाद वितरण किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भक्तों की उपस्थिति
इस अवसर पर ओंकार खंडेलवाल, डोमेश्वरी देव निर्वाणी, सतीश तिवारी, अनिल नागवंशी, श्रीमती आशा वैष्णव, डोंगरगढ़ से रूपमती निर्वाणी, वैभव निर्वाणी, आरणा यादव, नेहा यादव, सरस्वती यादव, प्रकाश अखिलेश, शकुंतला परिहार, सरिता दास और अनीता ठाकुर सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के सफल आयोजन पर संघ के पदाधिकारियों और श्रद्धालुओं ने प्रसन्नता व्यक्त की।
