आचार्य श्री ने संघ को गरूकुल बनाया और आज वे हमारे कुलगुरू बन गए : समतासागर महाराज

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डोंगरगढ़। बारिश की बूंदें भले ही छोटी हों, लेकिन उनका लगातार बरसना नदियों का प्रवाह बन जाता है, उसी प्रकार आचार्य गुरुदेव विद्यासागर जी महाराज ने भव्य आत्माओं को आश्रय देकर मोक्ष मार्ग को आगे बढ़ाया तथा मुनिओं एवं आर्यिका माताओं का विशाल समूह दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। आचार्य श्री ने संघ को गुरुकुल बनाया और आज वे हमारे कुलगुरु बन गए हैं।
उपरोक्त उद्गार निर्यापक श्रमण मुनि श्री समतासागर महाराज ने चंद्रगिरी डोंगरगढ़ तीर्थ पर चल रहे श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान में व्यक्त किये। मुनि श्री ने कहा कि बेगम गंज के युवकों ने अंतरमति माता जी की प्रेरणा से जो दृश्य प्रस्तुत किये, वह अद्वितीय है, भले ही उनको 2022 के पश्चात चातुर्मास का अवसर नहीं मिला हो, लेकिन उनको इस युग के साक्षात भगवान की प्रस्तुति करने का अवसर यहा चंद्रगिरी पर आकर मिला। दयोदय महासंघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता अविनाश जैन विद्यावाणी एवं निशांत जैन डोंगरगढ़ ने बताया संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागरजी महामुनिराज के समाधि स्थल पर छै दिवसीय कार्यक्रम चल रहा है। श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान में बड़ी संख्या में संपूर्ण भारत से श्रद्धालुओं ने पहुंचकर समाधि स्थल पर भक्तिभाव के साथ आचार्य गुरुदेव की अष्टद्रव्य से पूजन संपन्न की गई।
इस अवसर पर विभिन्न नगरों से पधारे गुरु भक्तों ने अर्घ्य समर्पित किये। कार्यक्रम के समापन में आर्यिकारत्न दृणमति माताजी ने अवरुद्ध कण्ठ से अपना उद्बोधन दिया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। नागपुर, वारासिवनी, रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, डोंगरगढ़, दुर्ग, इंदौर, भोपाल, विदिशा, वामनौद, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश आदि महानगर से बसें तथा चारपहिया वाहनों से आये थे। समवसरण में निर्यापक श्रमण श्री समता सागर जी, मुनि श्री आगम सागर महाराज, मुनि श्री पुनीत सागर महाराज, आर्यिकारत्न गुरुमति माताजी आर्यिकारत्न दृणमति माताजी, आदर्श मति माताजी सहित अनेक आर्यिका संघ उपस्थित थी। ऐलक धैर्यसागर महाराज ने कार्यक्रम का संचालन किया। ऐलक निश्चय सागर महाराज, ऐलक श्री निजानंद सागर महाराज मंचासीन रहे।
इस अवसर पर चंद्रगिरी डोंगरगढ़ पर बनने जा रहे समाधिस्थल विद्यायतन के अध्यक्ष विनोद बड़जात्या, चंद्रगिरी ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष किशोर जैन, महामंत्री निर्मल जैन, चंद्रकांत जैन, प्रदीप जैन विश्व परिवार, विनोद कोयला बिलासपुर सहित समस्त ट्रस्टीओं ने दानदाताओं का सम्मान किया। इस अवसर पर विधानाचार्य नितिन भैया खुरई, धीरज भैया राहतगड़, मनोज जबलपुर, संजीव कटंगी, अविनाश भैया भोपाल ने समय से सभी कार्यक्रम संचालित कर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिये।
इस अवसर पर संजय भैया दिल्ली, अनूप भैया, अंकित भैया, रिंकू भैया, सुवोध चतुर, सौरभ सुल्तान गंज मुनि सेवा में समर्पित रहे। चंद्रगिरी के अध्यक्ष सेठ सिंघई किशोर जैन, निर्मल जैन, सुभाष चंद जैन, चंद्रकांत जैन, सप्रेम जैन, डोंगरगढ़ जैन समाज के अध्यक्ष अनिल जैन, कोषाध्यक्ष जय कुमार जैन, सचिव यतीश जैन, सुरेश जैन, निशांत जैन, विद्यातन पदाधिकारी निखिल जैन, दीपेश जैन, अमित जैन, सोपान जैन, जुग्गू जैन, यश जैन, प्रतिभास्थली के अध्यक्ष प्रकाशचंद जैन (पप्पू भैया), राजनांदगांव से शरद जैन, मनोज जैन, पूनम जैन सहित समस्त पदाधिकारी उपस्थित थे। विद्यातन के अध्यक्ष विनोद बडजात्या ने बताया कि आज प्रातः 7 बजे मंगलाष्टक, भगवान का अभिषेक, पूजन, आरती, विधान हुआ।
उक्त कार्यक्रम में जैन समाज के एवं अन्य समाज के लोग संपूर्ण छत्तीसढ़ एवं भारत के विभिन्न प्रांतों से अपने गुरुवर के प्रथम समाधि स्मृति महोत्सव में शामिल हुए। उक्त जानकारी निशांत जैन (निशु) द्वारा दी गयी है।