आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने आदि कर्मयोगी अभियान की तैयारियों की समीक्षा की

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राजनांदगांव। भारत सकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा जनजातीय अंचलों में सरकारी योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहंुचाने के लिए एक नई पहल करते हुए आदि कर्मयोगी अभियान शुरू किया गया है। इस संबंध में आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्टरों की बैठक लेकर आदि कर्मयोगी अभियान की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे एवं जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह कलेक्टोरेट के एनआरसी कक्ष से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे।
आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर से शुरू होकर महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर तक सेवा पर्व एवं आदि कर्मयोगी सेवा अभियान चलाया जाएगा। अभियान का उद्देश्य सेवा, समर्पण एवं सुशासन की भावना के साथ जमीनी स्तर के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सशक्त करना, उनकी नेतृत्व क्षमता बढ़ाना तथा ग्राम स्तर पर शासकीय सेवाओं की प्रदायगी को मजबूत करना है। बैठक में ट्राइफेड के प्रबंध निदेशक हृदेश कुमार ने छत्तीसगढ़ में आदिवासी विकास कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को छत्तीसगढ़ से बहुत उम्मीदें हैं और आदि कर्मयोगी अभियान की सफलता के लिए सभी कलेक्टर उत्कृष्ट कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि अभियान का लक्ष्य विकसित भारत मिशन 2047 की तर्ज पर जनजातीय ग्राम विजन 2030 तैयार करना है।
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे बताया कि आदि कर्मयोगी अभियान के तहत 105 आदिवासी बहुल ग्राम पंचायतों में आदि सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए युवाओं को आदि साथी के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। जिला स्तर पर 7 विभागों पंचायत, आदिवासी विकास, महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य, पीएचई, वन तथा शिक्षा के 7 मास्टर ट्रेनर्स ने प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है। जिला मास्टर ट्रेनर्स सितंबर के प्रथम सप्ताह में प्रत्येक ब्लॉक से 5 ब्लॉक मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। जिले में केन्द्र सरकार द्वारा विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) और धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष अभियान भी संचालित किए जा रहे हैं। इसके तहत जिले के 105 चयनित ग्रामों में आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड और जाति प्रमाण पत्र जैसे व्यक्तिगत दस्तावेज बनाने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही प्रधानमंत्री आवास, स्वच्छ पेयजल, बिजली और सड़क जैसे 17 लाईन डिपार्टमेंट द्वारा सामुदायिक विकास कार्य भी कराए जा रहे हैं। इन 105 ग्रामों में छुरिया ब्लॉक के 67, डोंगरगढ़ के 28, डोंगरगांव के 8 और राजनांदगांव के 2 ग्राम शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को आदि कर्मयोगी अभियान के तीन स्तरों के माध्यम से लागू किया जाएगा। जिनमें आदि कर्मयोगी, आदि सहयोगी और आदि साथी शामिल होंगे। राज्य से लेकर ग्राम स्तर तक के सरकारी अधिकारी व कर्मचारी आदि कर्मयोगी स्तर पर कार्य करेंगे। आदि सहयोगी इसमें युवा नेतृत्वकर्ता, शिक्षक, डॉक्टर तथा समाजसेवी शामिल होंगे, जो आवश्यकतानुसार गांव के बाहर के भी हो सकते हैं। आदि साथी इसमें स्वयं सहायता समूह के सदस्य, जनजातीय नेतृत्वकर्ता, स्वयंसेवक एवं सांस्कृतिक प्रतिनिधि शामिल होंगे, जो प्राथमिकता से गांव के निवासी होंगे। आदि कर्मयोगी अभियान के तहत जनजातीय ग्राम विजन 2030 का लक्ष्य 2030 तक जनजातीय गांवों का समग्र विकास सुनिश्चित करना है। इसका उद्देश्य बुनियादी सुविधाएं, शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के अवसरों का विस्तार करके इन गांवों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है।