राजनांदगांव। कलेक्टर जितेन्द्र यादव के मार्गदर्शन में जिला पंचायत सभाकक्ष में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरतन ने विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए।
डॉ. नवरतन ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर शिविर लगाकर पात्र हितग्राहियों के आयुष्मान और वयवंदन कार्ड सौ फीसदी बनाए जाएं। मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम पर विशेष जोर देते हुए उन्होंने हाईरिस्क गर्भवती माताओं की सूची तैयार कर प्रति सप्ताह फोन के जरिए स्वास्थ्य की जानकारी लेने और सलाह देने के निर्देश दिए। साथ ही प्रसव के 15 दिन पहले मितानिनों को प्रतिदिन गर्भवती महिलाओं के घर जाकर निगरानी करने और सुरक्षित संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करने कहा।
सीएमएचओ ने कहा कि एएनसी-1 और एएनसी-4 पंजीयन में अंतर कम करें, सभी गर्भवती महिलाओं को आयरन की टैबलेट दी जाए और संस्थागत प्रसव 100 प्रतिशत सुनिश्चित हों। संस्थागत प्रसव में कमी पाए जाने पर बागरेकसा, करमतरा और बुचाटोला के प्रभारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
टीकाकरण कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि सभी नवजात शिशुओं को बीसीजी से लेकर एमआर-1 तक सभी टीके समय पर लगाए जाएं। छूटे हुए बच्चों की ड्यू लिस्ट बनाकर समितियों से साझा की जाए और ऑनलाईन डेटा यूविन पोर्टल पर अपडेट किया जाए।
बैठक में सभी कर्मचारियों की आधार आधारित ई-अटेंडेंस की समीक्षा की गई। डॉ. नवरतन ने चेतावनी दी कि नवंबर माह में यदि किसी का 100 प्रतिशत ई-अटेंडेंस नहीं रहा, तो वेतन रोकने की कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने क्षय, कुष्ठ, परिवार नियोजन, एनसीडी, एनीमिया मुक्त भारत और मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति बढ़ाने के निर्देश भी दिए। डोंगरगढ़ एनआरसी की बेड ऑक्यूपेंसी दर 100 प्रतिशत करने, और 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों का ब्लड प्रेशर व डायबिटीज टेस्ट आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में नियमित रूप से कराने को कहा गया।
बैठक में जिला परिवार कल्याण अधिकारी डॉ. अल्पना लुनिया, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. बी.एल. तुलावी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक (एनएचएम) संदीप ताम्रकार, शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रबंधक सुश्री पूजा मेश्राम, सहित सभी खंड चिकित्सा अधिकारी, डेटा मैनेजर, मितानिन समन्वयक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
