एयर इंडिया हादसा: कैसे सीट 11A बन गई विश्‍वासकुमार रमेश के लिए जीवनदान

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AI 171 दुर्घटना में अकेले बचे यात्री ने सुनाई भयावह दास्तां

नई दिल्ली। (नांदगाँव टाइम्स) एयर इंडिया की लंदन जा रही फ्लाइट AI 171 गुरुवार को अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद मेघाणीनगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 242 यात्रियों में से सिर्फ एक व्यक्ति ज़िंदा बचा — 40 वर्षीय विश्वासकुमार रमेश। वह ब्रिटेन के यूके मूल के एक व्यापारी हैं और हादसे के वक्त फ्लाइट की सीट 11A पर बैठे थे, जो उनके लिए जीवनदायिनी बन गई।

विश्‍वासकुमार को ज्यादा कुछ याद नहीं है। उन्होंने बताया, “बस एक तेज़ धमाका हुआ, पायलट की आवाज़ आई – ‘मे-डे’, फिर आग और गर्मी की लहर महसूस हुई, और सबकुछ टूटने लगा।” उनके चचेरे भाई के अनुसार, विश्‍वास बिना कुछ सोचे-समझे छलांग लगा दी।जब होश आया तो वह मलबे से बाहर खून से लथपथ पड़े थे और मदद के लिए चिल्ला रहे थे। उनके भाई, जो फ्लाइट में उनके पास की सीट 11B पर थे, उनकी जान नहीं बच पाई।

विश्‍वास ने बताया कि कैसे वे विमान के टूटे हुए हिस्से से समय रहते रेंगते हुए बाहर निकल आए। वे बोले, “मुझे आज भी समझ नहीं आ रहा कि मैं कैसे बच गया। शायद ईश्वर की मर्जी थी, या सीट 11A ने मेरी जान बचा ली।”यह हादसा उस वक्त हुआ जब ड्रीमलाइनर बोइंग विमान ने दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी थी और कुछ ही समय बाद रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

हादसे में लगभग सभी यात्रियों की मौत हो गई।विश्‍वासकुमार रमेश इस दिल दहला देने वाले हादसे के अकेले चश्मदीद गवाह और जीवित बचे व्यक्ति हैं, जिनकी कहानी न सिर्फ चमत्कार की तरह है, बल्कि इंसानी हौसले की मिसाल भी बन गई है।