खैरागढ़। केसीजी जिले में इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में होली के त्यौहार को लेकर पारंपरिक पुराने रीति-रिवाजों के साथ होली को हर्षोल्लास, उमंग के साथ मनाया गया। क्षेत्र की महिला, पुरुष, बच्चे घर-घर जाकर गुलाल लगाकर प्रेम और सौहार्द का संदेश दिया गया। खास बात यह रही कि इस वर्ष महिलाओं में होली को लेकर पहले से कहीं अधिक उत्साह देखने को मिला। वे बिना किसी संकोच और झिझक के अपने घरों से बाहर निकलीं और पूरे आनंद के साथ इस रंगोत्सव में भाग लिया। गांव के छोटे-छोटे बच्चों ने भी इस उमंग में पीछे नहीं रहा। गांव के चौक-चौराहों और गलियों में डीजे की धुनों पर थिरकते हुए उन्होंने होली का पूरा आनंद उठाया। पारंपरिक होली गीतों के साथ आधुनिक संगीत की धुनें भी माहौल को और अधिक उत्साहपूर्ण बना रही थीं।
ग्रामीणों ने सदियों पुरानी परंपराओं को संजोते हुए एकता और भाईचारे का परिचय दिया। लोग अपने गिले-शिकवे को भुलाकर एक-दूसरे को रंग लगाते नजर आए। बड़े-बुजुर्गों ने भी इस मौके पर पुराने समय की होली की याद को ताजा कीं और नई पीढ़ी को इस पर्व के महत्व से अवगत कराया। खैरागढ़ के ग्रामीणों ने यह साबित कर दिया कि समय बदलने के बावजूद भी उनकी परंपराएं जीवित हैं, यहां की होली केवल रंगों का खेल नहीं, बल्कि प्रेम, सौहार्द और मिलन का प्रतीक है। उत्सव के दौरान फाग गीतों की धुन गूंज उठी। ढोलक की थाप पर लोग झूम उठे और पूरे गांव में उत्सव जैसा माहौल बन गया। सामाजिक समरसता और नई सोच की झलक इस बार महिलाओं की बढ़ती भागीदारी ने यह संदेश दिया कि अब समाज में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। वे भी बिना किसी झिझक के इस आनंदोत्सव का हिस्सा बनींए जिससे यह होली और भी खास बन गई।
केसीजी जिलेवासियों ने पुरानी परंपरा और फाग गीतों के साथ मनाया होली
