राजनांदगांव। बीते दिन राजनांदगाँव पुलिस ने कांग्रेस नेता के घर पर जूए की कार्यवाही की थी जिसमें पार्षद चंपू गुप्ता और भाजपा नेता इरफान शेख को फरार होना बताया गया है। इस बारे में राजनीतिक सूत्रों से पता चला कि दोनों जमीन का कारोबार करते हैं। चंपू गुप्ता ने राजनीतिक षड्यंत्र के चलते इरफान को किसी जमीन के सौदे की रकम को देने के लिए अपने घर बुलवाया था। इरफान वहां पहुंचा तब जुआ चल रहा था। रूपए मांगने पर चंपू ने उसे कुछ देर के लिए रूकने बोला और संयोगवश उसी दौरान पुलिस टीम ने छापा मार दिया। हालांकि इरफान पुलिस के सामने अपने कार से वहाँ से निकल गये। अब इस बारे में कहा जा रहा है कि इरफान जो भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का नेता है, को राज्य सरकार द्वारा आगामी दिनों में लाल बत्ती मिलने की चर्चा सरगर्म है और यह बात उस खेमे को रास नहीं आ रही है, जिससे संबंधित ठेकेदार पर चंपू गुप्ता द्वारा नाला चौड़ीकरण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है। इस तरह ठेकेदार जुड़ेविनेता के ईशारे पर चंपू गुप्ता और इरफान को टारगेट कर छापा मरवाकर एक तीर से दो निशाने लगवाए गए? यह भी सुनने में आ रहा है कि चंपू गुप्ता आगामी पार्षद चुनाव लड़ने की तैयारी में है, जिसे रोकने के लिए भी कुछ विरोधी अभी से खेल खेल रहे हैं। बहरहाल मामले की सच्चाई जो भी हो, अब यह बात साफ नजर आने लगी है कि राजनीति से जुड़े लोग अपने विरोधियों को निपटाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं?
क्या इरफ़ान की राजनीति पर अंकुश लगाने की थी साज़िश?
