गणेश प्रतिमा का विर्सजन शिवनाथ नदी के पास निर्मित विर्सजन कुंड में ही करेंः महापौर

Share This :

राजनांदगांव। नगर निगम द्वारा गणेश विसर्जन के लिये प्रति वर्ष मोहारा स्थित शिवनाथ नदी में व्यापक व्यवस्था की जाती है। निगम द्वारा विसर्जन के लिये विशालकाय विसर्जन कुंड का निर्माण किया गया है। जिसमें गणेश, दुर्गा आदि सभी प्रतिमायें विसर्जित की जाती है, जहां इस वर्ष भी गणेश प्रतिमा विसर्जित की जायेगी।
उक्त संबंध में महापौर श्रीमती हेमा सुदेश देशमुख ने बताया कि नगर निगम द्वारा गणेश विसर्जन के लिये नगर सहित मोहारा स्थित शिवनाथ नदी में प्रति वर्ष व्यापक व्यवस्था किये जाते है। जिसके तहत शहर में वॉच टावर का निर्माण, चौक-चौराहों में लाईट की व्यवस्था के साथ साथ सड़कों का पेचवर्क, साफ-सफाई व पानी टैंकर रखे जाते है। साथ ही शिवनाथ नदी के चारों ओर लाईट, बेरीकेटिंग आदि व्यवस्था की जाती है। इसी कड़ी में प्रतिमा विसर्जन के लिये शिवनाथ नदी के पास निगम द्वारा निर्मित विसर्जन कुंड में गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया जाना है।
महापौर श्रीमती हेमा देशमुख ने बताया कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) द्वारा नदी व तालाब में मुर्ति विसर्जित करना प्रतिबंधित किया गया है। उक्त बात को ध्यान में रखकर निगम द्वारा विसर्जन कुंड का निर्माण किया गया है। जिसमें प्रतिवर्ष सभी प्रतिमाएं विसर्जित की जाती है। उन्होंने सभी समितियों एवं गणेश प्रतिमा रखने वाले लोगों से अपील की है कि वे मुर्ति विसर्जन कुंड में ही करें। साथ ही पूजा के लिये टेबल लगाया गया है। जिसमें प्रतिमा रखकर पूजा की जायेगी, उसके पश्चात विसर्जन किया जायेगा तथा पूजा सामग्री विसर्जन के लिये अलग से स्थान बनाया गया है, उसमें पूजा सामग्री विसर्जित करना है। उन्होंने विसर्जन कुंड में प्रतिमा विसर्जित कर सहयोग करने की अपील की है।
महापौर श्रीमती हेमा देशमुख ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिये नगर निगम द्वारा वृहद रूप से वृक्षारोपण किया जा रहा है। इसी कड़ी में शहर के भीतरी भाग में भी वृक्षारोपण किया गया है, चूंकि गणेश विसर्जन के दिन झांकी देखने शहर के अलावा बाहर से भी लोग आते है। जिससे भीड बहुत हो जाती है। भीड़ के कारण लगाये गये पौधे को नुकसान न हो इसका ख्याल हम सबको रखना है, क्योंकि यदि वह पौधा वृक्ष का रूप ले लेगा तो हमारा वातावरण स्वच्छ हो जायेगा। साथ ही बाहर से आये हुये लोगों की सुरक्षा का ध्यान भी हम नगरवासियों को करना है, क्योंकि झांकी निकलने वाले रोड़ में भीड़ होने के कारण परेशानी होती है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों से आये हुये लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसका हमे ध्यान रखना है, ताकि हमारे संस्कारधानी का नाम बना रहे।