मोहला। कृषि क्षेत्र में नवाचार और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बुधवार को ग्राम हालमकोडो में ‘एक्सटेंशन रिफॉर्म – आत्मा योजना’ के तहत जिला स्तरीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्र के किसानों को रबी फसल की तैयारी, जैविक खेती, फसल चक्र परिवर्तन, कीट एवं रोग प्रबंधन सहित विभिन्न शासकीय योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत स्थानीय सरपंच कन्हैया लाल नेताम के स्वागत उद्बोधन से हुई। वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी टी.आर. सलामे ने किसानों को खेती में उन्नत तकनीकों के उपयोग पर बल देते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रयास करने का संदेश दिया।
कीट प्रबंधन और बीमा योजनाओं पर रहा जोर
कार्यक्रम में कीट विज्ञान विषय विशेषज्ञ के.आर. प्रजापति ने धान की फसल में कीट एवं व्याधियों के समन्वित प्रबंधन की जानकारी दी। उन्होंने जैविक कीटनाशकों के सुरक्षित उपयोग पर जोर देते हुए किसानों को कम लागत में बेहतर उत्पादन के उपाय सुझाए।
योजनाओं की दी गई जानकारी
आरएईओ टी.एल. खरे एवं खोमेश्वर चंद्राकर ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कृषक उन्नति योजना, पीएम किसान योजना और फसल प्रदर्शन कार्यक्रमों की जानकारी दी। एटीएम स्वाति वासनिक एवं किसान संगवारी रवि अंबादे ने किसानों से इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की।
दूसरे सत्र में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में जनपद पंचायत मानपुर की सभापति सईदा खान, उपाध्यक्ष देवानंद कौशिक, सिवनी ग्राम की सरपंच किसवंतीन आचला, प्रगतिशील कृषक एनुक लाल गाँवरे व दवलत पोटाई, एसएडीओ जी.पी. धुर्वे, आरएईओ पी.के. साहू, बीटीएम लिलेश निषाद एवं कृषक मित्र संग के जिला उपाध्यक्ष संजय सेन्डे समेत क्षेत्र के अनेक जनप्रतिनिधि एवं किसान उपस्थित रहे।
बड़ी संख्या में जुटे किसान
प्रशिक्षण के दौरान किसानों को रबी फसलों की तैयारी, धान खरीदी प्रक्रिया और जैविक खेती को लेकर विस्तार से समझाया गया। कार्यक्रम में पंच, पटेल सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।
कृषकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम पहल
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आत्मा योजना के तहत किसानों को समय-समय पर प्रशिक्षण देकर उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ा जा रहा है, ताकि वे बेहतर उत्पादन के साथ-साथ लाभकारी खेती की दिशा में आगे बढ़ सकें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम शांतिपूर्ण और जागरूकता से परिपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुआ। किसानों ने ऐसे आयोजनों को उपयोगी बताया और आगे भी ऐसे प्रशिक्षणों की मांग की।