छत्तीसगढ़ विधानसभा ने कभी नहीं देखा मार्शल का उपयोग, उच्च लोकतांत्रिक परंपराओं की मिसाल: राष्ट्रपति मुर्मू

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रायपुर (नांदगांव टाइम्स) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छत्तीसगढ़ विधानसभा की सराहना करते हुए कहा कि यह सदन पिछले 25 वर्षों में कभी भी मार्शल बल के उपयोग का गवाह नहीं बना है, जिससे यह उच्च लोकतांत्रिक परंपराओं की मिसाल पेश करता है।

रायपुर में राज्य विधानसभा के रजत जयंती समारोह में शामिल होते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि छत्तीसगढ़ ने सदन के संचालन के संबंध में न केवल देश बल्कि पूरे लोकतांत्रिक विश्व के लिए एक विशिष्ट आदर्श प्रस्तुत किया है।”

उन्होंने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा, “अपने अनुभव से कह सकती हूं कि बतौर विधायक जनता की सेवा के लिए समर्पित रहना एक सौभाग्य की बात होती है।”

नक्सल प्रभावित इलाकों में बदलाव का दौर

राष्ट्रपति ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को मुख्यधारा में लाने की प्रक्रिया अब अंतिम और निर्णायक चरण में है।उन्होंने कहा, “मुझे बताया गया है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लोग विकास के मार्ग पर आगे बढ़ना चाहते हैं। जल्द ही राज्य नक्सली समस्या से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा।”

महिला विधायकों को आगे बढ़ाने का आह्वान

राष्ट्रपति ने विधानसभा में 90 में से 19 महिलाओं के निर्वाचित होने पर खुशी जताई। राज्य की लिंगानुपात दर 991 होने के कारण उन्होंने महिला विधायकों से आग्रह किया कि वे विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं को प्रेरित करें और उनके पेशेवर सशक्तिकरण में योगदान दें।उन्होंने कहा, “जब हर महिला दूसरी महिलाओं को सशक्त बनाएगी, तो हमारा समाज अधिक मजबूत और संवेदनशील बनेगा। विधानसभा में महिलाओं की संख्या को और बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए।”

विकास और प्रकृति में संतुलन ज़रूरी

राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ को प्राकृतिक और खनिज संसाधनों से समृद्ध राज्य बताया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि नीति-निर्माताओं की जिम्मेदारी है कि वे विकास और प्रकृति के बीच सही संतुलन बनाए रखें।उन्होंने कहा, “आधुनिक विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण को भी सुनिश्चित करना आवश्यक है। समाज के सभी वर्गों को विकास की यात्रा में शामिल किया जाना चाहिए।”

राष्ट्रपति का विधानसभा में संबोधन

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति मुर्मू से पहले भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने भी छत्तीसगढ़ विधानसभा को संबोधित किया था।

डॉ. सिंह ने कहा, “मुझे गर्व है कि मैं इन तीनों ऐतिहासिक अवसरों का साक्षी रहा हूं।”

राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा द्वारा पारित 565 विधेयकों में से अधिकांश ‘अंत्योदय’, मानवता और समग्र विकास के आदर्शों से प्रेरित रहे हैं।