राजनांदगांव (नांदगांव टाइम्स) जल संकट की आशंका को देखते हुए छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के ग्राम पंचायत मासूल में एक अनुकरणीय पहल की गई। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में प्रशासन और ग्रामीणों ने मिलकर श्रमदान करते हुए जल संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाया। मासूल-बुचाटोला मार्ग के नाले में बोरी बंधान कर वर्षा जल के संचयन की व्यवस्था बनाई गई, जिससे भूजल स्तर को पुनर्जीवित करने में सहायता मिलेगी।

इस जनसहभागिता अभियान में जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरुचि सिंह, सरपंच, पंच, स्वच्छता दीदी, हरियाली दीदी, जनपद पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी एवं ग्रामवासी शामिल हुए। यह ग्राम पंचायत जिले की पहली पंचायत है, जिसने जनसहयोग से नाले में बोरी बंधान का कार्य किया है, जो आगे चलकर अन्य पंचायतों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा।
इसी क्रम में पद्मश्री फूलबासन यादव की प्रेरणा से ‘नीर और नारी जल यात्रा’ का आयोजन किया गया, जिसमें मां बम्लेश्वरी फाउंडेशन, बिहान और हरियाली दीदियों ने गांव-गांव जाकर जल संरक्षण का संदेश फैलाया। इस यात्रा को कलेक्टर व सीईओ जिला पंचायत ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस व्यापक अभियान का उद्देश्य है—“पानी की हर बूंद को सहेजना, आने वाली पीढ़ियों को जल संकट से बचाना।” ग्रामीणों ने इस पहल में उत्साहपूर्वक भाग लेकर जल संरक्षण को जन आंदोलन का रूप देने का संकल्प लिया। इस अवसर पर जनपद सीईओ होरीलाल साहू, एसडीओ गिरधर लारिया, एडीईओ हुमेश भंडारी, कार्यक्रम अधिकारी मोहित पटौती सहित अनेक अधिकारी उपस्थित थे।
संदेश स्पष्ट है: जल ही जीवन है, और इसका संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी।