राजनांदगांव/डोंगरगांव (नांदगाँव टाइम्स) जल ही जीवन है, और इस जीवन को बचाने की मुहिम अब गांव-गांव तक पहुँचने लगी है। जनपद पंचायत डोंगरगांव के अंतर्गत ग्राम पंचायत किरगी (ब) में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए भव्य जल कलश यात्रा का आयोजन किया गया। इस यात्रा का नेतृत्व पद्मश्री सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता फुलबासन बाई यादव ने किया।

“नीर और नारी” के संकल्प के साथ ग्रामवासियों ने मिलकर जल बचाने का संदेश जन-जन तक पहुँचाया। कार्यक्रम में ग्रामीणों ने नारे लगाए — “जल है तो कल है”, “बूँद-बूँद से जीवन है”, और यह बताया गया कि कैसे जल संकट की स्थिति में हर व्यक्ति की भूमिका अहम है।
सेमी क्रिटिकल घोषित हुआ राजनांदगांव — जल बचाने की जरूरत और बढ़ी
राजनांदगांव जिले को प्रदेश में “सेमी क्रिटिकल जोन” घोषित किया गया है। इसका मतलब यह है कि अगर अभी भी हम जल संरक्षण के उपाय नहीं अपनाते, तो आने वाले समय में स्थिति और भयावह हो सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए जनपद उपाध्यक्ष मनीष कुमार साहू, जनपद सदस्य उमेश साहू, सरपंच श्रीमति इंद्रानी साहू सहित पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने जल संरक्षण की जिम्मेदारी को गंभीरता से लेने का आह्वान किया।मंच से संबोधन में मनीष साहू ने कहा, “जल को व्यर्थ बहाना नहीं है, बल्कि सहेजना है। हर व्यक्ति को इसका संकल्प लेना होगा।”
तिलाई गांव में दुकानों तक पहुंचा संदेश
ग्राम तिलाई में दुकानों में जाकर ग्राहकों को जल संरक्षण के लिए जागरूक किया गया। दुकानों में जल संरक्षण पंपलेट छोड़े गए ताकि हर खरीददार तक यह संदेश पहुँच सके कि आज के समय में जल बचाना धर्म से कम नहीं है।
हनुमान जयंती पर प्रसाद के साथ मिला जागरूकता का संदेशग्राम पदुमतरा में हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर आने-जाने वालों को प्रसाद वितरण के साथ जल संरक्षण पंपलेट भी बांटे गए। इस मौके पर जनपद सदस्य ललिता साहू, ग्राम पंचायत सरपंच और स्वयंसेवकों ने सहभागिता की और धर्म के साथ कर्म का उदाहरण पेश किया।
पार्रिकला और मूचेदंड में श्रमदान से जल-संरक्षण के काम
ग्राम पार्रिकला में नाला बंधन का कार्य ग्रामीणों द्वारा श्रमदान के माध्यम से किया गया। वहीं, ग्राम मूचेदंड में बिहान महिला समूह की महिलाओं ने तालाबों की सफाई कर एक मिसाल कायम की
जोरातराई में बोरी बंधान कार्य

ग्राम जोरातराई में ग्रामीणों ने श्रमदान कर बोरी बंधान जैसे पारंपरिक और कारगर तकनीकों का उपयोग करते हुए जल संग्रहण का काम शुरू किया।एकजुटता से जल रक्षा की ओरइस सम्पूर्ण अभियान में ग्रामीणों की भागीदारी यह साबित करती है कि यदि जागरूकता और सहभागिता हो, तो किसी भी संकट से पार पाया जा सकता है।