राजनांदगांव। सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम टेडेसरा के समाधान शिविर मछली पालन करने वाली ग्राम नवागांव की छत्तीसगढ़ मछुवा सहकारी समिति के सदस्यों के लिए खुशियों भरा रहा। समाधान शिविर टेड़ेसरा में मछली विभाग की राज्य पोषित योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ मछुआ सहकारी समिति नवागांव के सदस्यों को 2 मछली जाल और 3 नग आईस बाक्स मिला है। छत्तीसगढ़ मछुवा सहकारी समिति नवागांव के सदस्यों ने शासकीय योजना से लाभान्वित होने पर खुशी जाहिर की। समिति के अध्यक्ष खेमलाल निषाद ने बताया कि उनके पास एक जलाशय और 7 तालाब है। जिसमें वे मछली का पालन करते हैं। अध्यक्ष खेमलाल निषाद ने बताया कि समिति के सभी सदस्यों को मजदूरी और अन्य व्यय निकालने के बाद वर्ष में शुद्ध 1 लाख रूपए से अधिक समिति को आय होती है। उन्होंने बताया कि समिति में महिलाएं और पुरूष शामिल है। तालाब एवं जलाशय में रोहू, कतला, तिलापिया, ग्रास कार्प, कोमल कार जैसी मछलियों का पालन करते है। इससे समिति के सदस्यों को अच्छी आमदनी हो जाती है। समिति के अध्यक्ष खेमलाल निषाद ने बताया कि मत्स्य विभाग के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर मार्गदर्शन मिलता रहता है। मछली पालन में किसी प्रकार की समस्या होने पर विभाग से दवाईयां भी प्रदान की जाती है और उत्पादन बढ़ाने के लिए सलाह भी दी जाती है। छत्तीसगढ़ मछुवा सहकारी समिति के सदस्य श्रीमती खिलेश्वरी निषाद, श्रीमती शारदा निषाद, श्रीमती हेमबाई निषाद, श्रीमती रामबती बाई, मानबाई निषाद ने समाधान शिविर में मछली जाल और आईस बाक्स प्राप्त करने पर उनके चेहेरे पर खुशियां झलक रही थी। समाधान शिविर में लाभान्वित होने पर समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद ज्ञापित किया।
उल्लेखनीय है कि मछली पालन विभाग के राज्य पोषित योजनाएं अंतर्गत नाव जाल या जाल क्रय की सुविधा दी जाती है। तालाबों, जलाशयों अथवा नदियों में मत्सयाखेट करने वाले सभी वर्ग के सक्रिय मछुआरों को नाव, जाल, उपकरण क्रय करने हेतु प्रति मछुआरा 10 हजार रूपए की सहायता उपलब्ध कराई जाती है। इसके साथ ही मछली पालकों के लिए फिंगरलिंग क्रय कर संचयन पर सहायता, फुटकर मत्स्य विक्रय के लिए सहायता, मत्स्य बीज संवर्धन, तालाब सुधार एवं इनपुट्स मत्स्य बीज के लिए 30 हजार रूपए की आर्थिक सहायत उपलब्ध कराई जाती है। योजना के अंतर्गत झींगा पालन एवं अलंकारिक के लिए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के मत्स्य पालकों को तीन वर्षों में आर्थिक सहायता दी जाती है। मत्स्य विभाग द्वारा पंजीकृत मत्स्य सहकारी समितियों को मछली पालन के लिए उपकरण एवं अन्य प्रयोजनों तथा तालाब पट्टा, मत्स्य बीज, नाव जाल क्रय के लिए पात्रतानुसार 3 लाख रूपए प्रति सहकारी समिति को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसी तरह मत्स्य पालन विभाग द्वारा मछुआ समितियों को रोजगार में वृद्धि करने के लिए शासकीय योजनाओं से आर्थिक सहायता एवं अनुदान दिया जाता है।
टेड़ेसरा समाधान शिविर मछली पालन करने वाली छत्तीसगढ़ मछुवा सहकारी समिति नवागांव के सदस्यों के लिए रहा खुशियों भरा रहा
