डॉ. प्रकाश खूंटे ने राष्ट्रीय मेडिसिन कॉन्फ्रेंस में बढ़ाया छत्तीसगढ़ का मान

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राजनांदगांव। (नांदगांव टाइम्स) शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति महाविद्यालय एवं हॉस्पिटल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रकाश खूंटे ने देश के सबसे बड़े मेडिकल सम्मेलन में छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया। उन्होंने भारतीय चिकित्सकों के संघ (Association of Physicians of India – API) के 80वें वार्षिक सम्मेलन में गंभीर मलेरिया के निदान और उपचार पर एक महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया। यह सम्मेलन 23 से 26 जनवरी 2025 तक कोलकाता के विश्व बांग्ला मेला प्रांगण में आयोजित हुआ, जहां देश-विदेश से हजारों चिकित्सक, शोधकर्ता और स्वास्थ्य विशेषज्ञ शामिल हुए।

छत्तीसगढ़ के चुनिंदा विशेषज्ञों में डॉ. खूंटे

डॉ. खूंटे उन 10-12 चुनिंदा चिकित्सकों में से एक थे, जिन्हें छत्तीसगढ़ से इस प्रतिष्ठित मंच पर अपने विचार साझा करने का अवसर मिला। उन्होंने विशेष रूप से मलेरिया के सबसे खतरनाक रूप फ़ाल्सीपेरम मलेरिया के नए निदान और उपचार पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़, विशेषकर बस्तर जिला, देश में उड़ीसा के बाद सबसे ज्यादा मलेरिया प्रभावित क्षेत्र है, और यहां यह एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बना हुआ है।

मलेरिया के टीके और नई चिकित्सा पद्धतियों पर चर्चा

अपने व्याख्यान में डॉ. खूंटे ने मलेरिया के लिए उपलब्ध टीका RTS,S की प्रभावशीलता और उसकी सीमाओं के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह टीका केवल मध्यम रूप से प्रभावी है और इसके व्यापक उपयोग के बावजूद अन्य उन्नत चिकित्सा उपायों की आवश्यकता बनी हुई है।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ मंच साझा किया

इस वार्षिक सम्मेलन में भारत सहित दुनियाभर के चिकित्सकों ने स्वास्थ्य सेवा में नवाचार और उभरते संक्रमणों पर चर्चा की। डॉ. खूंटे ने छत्तीसगढ़ से प्रतिनिधित्व करते हुए राज्य और विशेष रूप से राजनांदगांव का नाम रोशन किया। वे स्टेट लेवल मेडिकल कॉन्फ्रेंस में भी नियमित रूप से व्याख्यान देते रहते हैं और उनके शोध मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में उपयोगी साबित हो रहे हैं।

स्वास्थ्य क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की बढ़ती भागीदारी

इस सम्मेलन में डॉ. खूंटे की भागीदारी ने छत्तीसगढ़ के चिकित्सा क्षेत्र की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान को और मजबूत किया है। उनकी उपलब्धि से प्रदेश के मेडिकल समुदाय में गर्व की भावना है और इससे भविष्य में राज्य के अन्य चिकित्सकों को भी प्रेरणा मिलेगी।