तीन दिन में बस्तर जेडी नहीं हटे तो चक्काजाम और तालेबंदी की चेतावनी

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जगदलपुर। बस्तर के शिक्षकों में बस्तर जिला शिक्षा अधिकारी (जेडी) राकेश पांडे के कथित दुर्व्यवहार को लेकर जबरदस्त आक्रोश है। सोशल मीडिया में लगातार वायरल हो रहे आरोपों के बीच अब मामला सड़कों तक पहुंचने की कगार पर है। छत्तीसगढ़ जागरूक शिक्षक संघ ने राज्य सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए स्पष्ट कहा है कि यदि तय समय सीमा में जेडी राकेश पांडे को हटाया नहीं गया, तो पूरे बस्तर संभाग में अनिश्चितकालीन चक्काजाम किया जाएगा। साथ ही संभाग के सभी स्कूलों में तालाबंदी कर दी जाएगी।

गौरतलब है कि हाल ही में एक शिक्षक को उसके पहनावे को लेकर कार्यालय से भगाने का मामला सामने आया था। इसके बाद से ही शिक्षक संगठनों में रोष व्याप्त है। शिक्षक संघ ने इस व्यवहार को अपमानजनक और अमर्यादित बताया है। इसी कड़ी में जागरूक शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व आईएएस अधिकारी एवं वर्तमान विधायक नीलकंठ टेकाम को ज्ञापन सौंपते हुए कार्रवाई की मांग की है।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने कहा कि शिक्षक समाज का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि तीन दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो पूरे बस्तर में उग्र आंदोलन होगा। हजारों शिक्षक जगदलपुर हाईवे पर बैठकर अनिश्चितकालीन चक्काजाम करेंगे। इसके साथ ही सभी स्कूलों में तालेबंदी की जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन और बस्तर जेडी की होगी।

इस विरोध में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू, उपाध्यक्ष शिवकुमार साहू, महासचिव भोजराम साहू, प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र तिवारी, संयुक्त सचिव हरिशंकर पटेल, कमलेश भारती सहित संगठन के दर्जनों पदाधिकारियों ने समर्थन जताया है। सभी ने राज्य सरकार से मांग की है कि शिक्षक समुदाय का मनोबल गिराने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त और त्वरित कार्रवाई की जाए।

गायत्री मंडलोई, महेश्वर कोटपरिहा, रोहित कुमार पटेल, अमर दास बंजारे, रामसेवक पैकरा, राजेंद्र कुमार साहू, जगदीश साहू, दिनेश कुमार लहरें, देवेंद्र वर्मा, प्रमोद कुंभकार, संतोष जैन, मनोज यादव, अभिषेक तिवारी, सुषमा प्रजापति, नूरजहां खान, रूपेंद्र कुमार साहू सहित करीब 50 से अधिक शिक्षक नेताओं ने जेडी को तत्काल हटाने की मांग को दोहराया।

अब सबकी निगाहें राज्य सरकार पर टिकी हैं कि वह शिक्षकों की इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेती है। यदि समय रहते समाधान नहीं निकला, तो बस्तर संभाग में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह ठप होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।