दूसरों को जिंदगी देने की ड्यूटी करते जख्मी हुआ ईएमटी, आखिरकार हार गया अपनी ही जिंदगी की जंग

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मोहला। मोहला-मानपुर जिले के बीहड़ वनांचल में पिछले डेढ़ दशक से दूसरों की जिंदगी बचाने की ड्यूटी निभा रहे 108 एम्ब्युलेंस के इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) घनश्याम साहू ने अंततः अपनी ही जिंदगी की जंग हार दी। 22 अक्टूबर को मानपुर में एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से जख्मी होने के बाद वे रायपुर के एक निजी अस्पताल में वेंटीलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे थे। 26 अक्टूबर की अलसुबह 5 बजे अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।
मृत्यु की पुष्टि करते हुए मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ डॉ. गिरीश खोब्रागढ़े ने बताया कि घनश्याम साहू का निधन आज सुबह हुआ। वे पिछले करीब 15 वर्षों से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानपुर में संचालित 108 एम्ब्युलेंस सेवा में बतौर ईएमटी कार्यरत थे। घनश्याम साहू ने न केवल सड़क दुर्घटनाओं में घायल मरीजों को अस्पताल पहुंचाया, बल्कि कोरोना महामारी के दौरान भी संक्रमितों को सुरक्षित अस्पताल ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
घनश्याम साहू, जो बालोद जिले के निवासी थे, अपनी पत्नी और दो बच्चों को छोड़कर दुनिया से रुकसत हो गए। वे बीते 22 अक्टूबर की रात को 108 एम्ब्युलेंस में चालक के साथ मानपुर अस्पताल से एक घायल मरीज को राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज रेफर कर रहे थे। रास्ते में मानपुर अस्पताल से महज 3-4 किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे पर उनकी एम्ब्युलेंस खड़ी ट्रक से टकरा गई। इस दुर्घटना में घनश्याम साहू को गंभीर चोटें आईं, जबकि चालक और मरीज को हल्की चोटें आईं, जिन्हें उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
घनश्याम साहू की मौत से स्वास्थ्य महकमे और क्षेत्रवासियों में शोक की लहर दौड़ गई है। उनका समर्पण और कड़ी मेहनत हमेशा याद किया जाएगा।