डोंगरगढ़। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरुआत के पहले ही दिन डोंगरगढ़ ब्लॉक में खरीदी व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। सोसायटी प्रबंधकों और कम्प्यूटर ऑपरेटरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल ने प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी। ब्लॉक के 40 से अधिक केंद्रों में से मात्र 12 केंद्रों में खरीदी हो सकी, वह भी बेहद अव्यवस्थित और सीमित संसाधनों के बीच।
प्रशासन ने किसी तरह खरीदी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए पंचायत सचिव, पटवारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कृषि तथा जनपद पंचायत कर्मचारियों को तैनात किया, पर यह व्यवस्था न तो पर्याप्त साबित हुई और न ही प्रभावी। प्रारंभिक दो दिनों में चूंकि खरीदी औपचारिक थी, इसलिए काम किसी तरह निपट गया, लेकिन सोमवार से खरीदी को सुचारु रूप से संचालित करना प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती बन गई है।
अव्यवस्था केवल एक-दो केंद्रों तक सीमित नहीं रही। रामाटोला, ठाकुरटोला, पनियाजोब और बोरतलाव केंद्रों में भी खरीदी की स्थिति बेहद दयनीय रही। किसान घंटों लाइन में खड़े रहे, पर व्यवस्था का जिम्मा संभालने वाला कोई नहीं था।
किसानों ने सवाल उठाया कि जब सरकार विधिवत तारीख तय कर खरीदी शुरू करती है, तो बिना तैयारी, बिना संसाधन और बिना पर्याप्त कर्मचारियों के खरीदी कैसे शुरू की जा सकती है? किसानों का कहना है कि अव्यवस्था से समय और श्रम दोनों की बर्बादी हो रही है, जबकि मौसम बिगड़ने का खतरा अलग से बना हुआ है।
किसानों ने जल्द से जल्द स्थायी समाधान की मांग की है, ताकि खरीदी प्रक्रिया सुचारु रूप से चल सके और उन्हें अनावश्यक परेशानियों का सामना न करना पड़े।
धान खरीदी की शुरूआत में ही व्यवस्था बैठी, किसानों में गहरा आक्रोश
