अंबागढ़ चौकी। शासकीय पोस्ट मेट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को बेहतर भविष्य के सपने की कीमत नारकीय जीवन जीकर चुकानी पड़ रही है। 50 छात्रों वाला यह छात्रावास बिजली, पानी और सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जर्जर हालत में है। पढ़ाई से पहले छात्रों को अपनी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने में संघर्ष करना पड़ता है।
सरकार अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के उत्थान के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन हकीकत इससे उलट है। ब्लॉक मुख्यालय स्थित इस छात्रावास की हालत सरकारी दावों की पोल खोल रही है।
छात्रावास की दीवारों से प्लास्टर झड़ चुका है, छत से सरिए बाहर झांक रहे हैं और हर कमरे में सीपेज है। मरम्मत.संधारण सालों से नहीं हुआ। छात्र हर समय डर में रहते हैं कि कहीं छत या प्लास्टर का टुकड़ा गिर न जाए। भवन इतना जर्जर हो चुका है कि किसी भी समय बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
छात्रावास में पेयजल के लिए नलकूप तो है, लेकिन शौचालय और स्नानागार तक पाइपलाइन नहीं बिछाई गई। छात्रों को पानी के लिए छत पर चढ़कर टंकी से पानी भरना पड़ता है। इससे उनका अधिकांश समय पढ़ाई के बजाय पानी लाने में बीत जाता है।
बिजली की स्थिति भी बदतर है। कई कमरों में बिजली गुल है, पंखे काम नहीं करते। मजबूर होकर छात्र उन कमरों में जाकर पढ़ाई करते हैं जहां बिजली उपलब्ध है।
छात्रावास का शौचालय पूरी तरह भर चुका है और सफाई नहीं होने से उपयोग लायक नहीं रह गया है। स्वीपर की नियुक्ति नहीं है, जिससे गंदगी फैली रहती है। छात्र मजबूरन नगर निकाय के सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग कर रहे हैं।
छात्रावास के भूतपूर्व छात्र भूपेंद्र मंडावी और अरविंद गोटे ने बताया कि यहां एक नहीं बल्कि कई गंभीर समस्याएं हैं। बिजली, पानी और सफाई के अलावा सुरक्षा के लिए आहाता निर्माण, सभी कमरों में लाइट-पंखे और पाइपलाइन व्यवस्था की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि वर्षों से समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।
मूलभूत सुविधाओं के अभाव से परेशान छात्रों ने नगर के जनप्रतिनिधियों को बुलाकर छात्रावास की स्थिति दिखाई। शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने कमरोंए रसोई और शौचालयों का हाल दिखाया और पूछा हम इस हाल में कैसे पढ़ें और अपना भविष्य बनाएं?
इस कार्यक्रम में नगर पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सभी पार्षद, जनपद सदस्य और भूतपूर्व छात्र मौजूद रहे।
मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल मानिकपुरी ने छात्रों को भरोसा दिलाया कि तीन माह में छात्रावास की बिजली, पानी और सफाई की समस्या दूर कर दी जाएगी। उन्होंने कहा, यह मामला अनुसूचित जनजाति विभाग और शिक्षा विभाग से जुड़ा है, लेकिन बच्चे हमारे नगर के हैं, इसलिए हमारा भी दायित्व है कि हम उन्हें सहयोग दें।
मानिकपुरी ने कहा कि वे जल्द ही संबंधित विभागों और वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर समस्याओं के समाधान में मदद करेंगे।
पोस्ट मेट्रिक आदिवासी छात्रावास में छात्रों को नारकीय जीवन-पानी, बिजली और सफाई के लिए हर दिन जंग
