प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर 600 से अधिक गर्भवती महिलाओं की जांच, जिले में विशेष स्वास्थ्य शिविरों का सफल आयोजन

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खैरागढ़। जिले में शुक्रवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) के अंतर्गत आयोजित विशेष स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से 600 से अधिक गर्भवती महिलाओं की निःशुल्क स्वास्थ्य जांच की गई। इनमें से 186 महिलाओं को उच्च जोखिम (हाई-रिस्क) गर्भावस्था की श्रेणी में चिन्हित किया गया है, जिनकी विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा सतत निगरानी की जाएगी।

यह आयोजन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के निर्देश पर तथा कलेक्टर श्री इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल के मार्गदर्शन और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आशीष शर्मा के नेतृत्व में किया गया। जिले के 14 चिन्हित सिविल अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में यह शिविर आयोजित हुए।

उद्देश्य: सुरक्षित मातृत्व की दिशा में ठोस कदम

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का उद्देश्य है कि गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के चौथे से नौवें माह के दौरान कम से कम एक बार विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में जांच एवं परामर्श मिल सके। इससे जटिलताओं की समय रहते पहचान कर उपचार संभव हो सके।

अभियान के दौरान महिलाओं को हीमोग्लोबिन, रक्तचाप, रक्त व मूत्र की जांच सहित अन्य आवश्यक परीक्षण उपलब्ध कराए गए। 36 महिलाओं की सोनोग्राफी निजी केंद्रों के सहयोग से निःशुल्क कराई गई।

ग्राम स्तर से लेकर जिला प्रशासन तक सक्रिय सहयोग

स्वास्थ्य शिविरों में अधिक से अधिक महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ग्राम स्तर पर मितानिनों और ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजकों ने सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उन्हें स्वास्थ्य संस्थानों तक पहुंचाने में सहायता की।

वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में मॉनीटरिंग

इस अवसर पर राज्य स्तर से डॉ. फैज़ल रज़ा, डॉ. नरेंद्र सिंहा तथा जिला स्तर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आशीष शर्मा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्रीमती सोनल ध्रुव, प्रभारी जिला प्रशिक्षण प्रबंधक श्री खिलेश साहू, बीएमओ डॉ. विवेक बिसेन, डॉ. मनीष बघेल, एवं अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों की उपस्थिति में अभियान की साइट मॉनीटरिंग की गई।

यह अभियान न केवल गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि सुरक्षित प्रसव और मातृ मृत्यु दर में कमी लाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण पहल सिद्ध हो रहा है।