राजनांदगांव। पूर्व सांसद मधुसूदन यादव ने आज संसद में पेश किये गये बजट को देश के बहुमुखी आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को गति प्रदान करने वाला बजट बताया है। उन्होंने वित्त मंत्री द्वारा सदन में प्रस्तुत बजट की प्रशंसा करते हुए केंद्रीय बजट 2025-26 को वित्तीय समावेश की दृष्टि से बेहद संतुलित, ग्रामीण विकास के लिये प्रतिबद्धता सूचक और एमएसएमई क्षेत्र के विकास की दिशा में एक संकल्पित बजट बताया है। इस बजट में इनकम टैक्स को लेकर मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी गई है, जिसमें नए टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। बुजुर्गों को टैक्स की छूट की सीमा दोगुनी कर दी गई है। किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाकर 5 लाख करना और नई कर सुधार नीतियां आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के संतुलित प्रयास हैं। डेयरी और फिशरी फार्मर्स के लोन की सीमा बढ़ाने का ऐलान किया है। स्कूली और उच्च शिक्षा के लिये भारतीय भाषाओं की पुस्तकें डिजीटल रूप में उपलब्ध करायी जायेंगी। देश के प्रत्येक जिला अंतर्गत सरकारी अस्पताल में कैंसर यूनिट की स्थापना अभूतपूर्व कदम है एवं कैंसर एवं अन्य जीवन रक्षक दवाओं को कर छूट प्रदान कर सस्ती दवा उपलब्ध कराना, स्वास्थ्य सुविधाओं में जनता को राहत देने वाला कदम है। माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज के लिए गारंटी योजना की अधिकतम सीमा 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ कर दी गई है, जिससे इस क्षेत्र में ऋण प्रवाह बढ़ेगा। एमएसएमई सेक्टर का क्रेडिट कवर बढ़ाने का भी ऐलान किया गया है। स्टार्टअप इंडिया मिशन और मेक इन इंडिया मिशन को और मजबूत करने के लिए भी कई उपायों की घोषणा की गई है। इलेक्ट्रानिक सामान सस्ता होने से मध्यम वर्ग की सुविधाओं में विस्तार होगा और बाजार में कैशफ्लो में वृद्धि होगा। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), हरित ऊर्जा और बायोटेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों के लिए विशेष सहायता प्रदान की गई है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और भारत देश एक वैश्विक स्टार्टअप केंद्र के रूप में विश्वपटल पर स्थापित होगा। समग्र रूप से यह बजट एमएसएमई और स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने के सरकार के संकल्प को दोहराता है।
बहुमुखी आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को गति प्रदान करने वाला बजट : मधुसूदन यादव
