बिना अनुमति दुकान में तोड़फोड़ कर रहे दुकानदार, ग्राम पंचायत सोमनी का मामला

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राजनांदगांव। ग्राम पंचायत सोमनी में व्यवसायिक परिसर की दुकानों को तोड़ फोड़कर अपनी मर्जी से मरम्मत कराने का खेल चल रहा है। कई दुकानदारों ने बिना अनुमति के ही अपनी दुकानें बढ़ा ली है। यह खेल वर्तमान में भी जाती है। हालांकि इस बार दुकानदारों की इस मनमानी को रोकने ग्राम पंचायत द्वारा एक्शन लिया गया है। बस स्टैंड से फरहद रोड किनारे स्थित कॉम्प्लेक्स की दो दुकान को बिना अनुमति तोड़ने के मामले में सरपंच नीलिमा साहू ने होटल संचालक कुमार यादव को नोटिस भेजा है, जिसमें सरपंच ने होटल संचालक से अनुमति लेने की जानकारी मांगी है।
बता दें कि सोमनी में स्कूल की बाउंड्रीवाल से लगकर करीब 25 दुकानें बनी है। कॉम्प्लेक्स का निर्माण पूर्व में ग्राम पंचायत द्वारा ही कराया गया है। कॉम्प्लेक्स की दुकानें जिन्हें अलॉट की गई है, उनमें से कई लोगों ने दुकानें बेच तक दी है। इसके बाद से लोग यहां अपनी मर्जी से ही दुकानों में तोड़फोड़ कर अपने हिसाब से नवनिर्माण कर रहे है। वर्तमान में यहां कुमार होटल के संचालक को पंचायत ने नोटिस दिया है। बताया जा रहा है कि होटल संचालक ने अपनी दुकान के जीर्णोद्वार के लिए पंचायत से अनुमति तक नहीं ली है। स्कूल की जगह बताकर मनमानी की जा रही है। इससे पहले भी पूर्व सरपंच संतोष यादव के कार्यकाल में इसी लाइन की चार दुकानों का नवनिर्माण बगैर किसी अनुमति लिए की गई है। बड़ी बात तो यह है कि ये चारों दुकानें एक ही व्यक्ति द्वारा खरीदी गई है। सवाल यह है कि एक ही व्यक्ति को चार दुकानें किस नियम के अंतर्गत दी गई। पंचायत द्वारा पूर्व में इस पर आपत्ति क्यों नहीं की। सूत्रों की माने तो एक ही व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए किसी तरह की कार्रवाई नहीं कराई गई। ग्रामीणों ने इस मामले में लेन देन का आरोप तक लगाया है।

बाहरी लोगों को मिला लाभ

सोमनी में व्यवसायिक परिसर की ज्यादातर दुकानें बाहरी लोगों को ही बांटी गई है। या फिर पंचायत प्रतिनिधियों ने अपने करीबी लोगों और रिश्तेदारों को दुकानें आबंटित कर दी है। यही मेन वजह है कि ज्यादातर दुकानें किराए में चल रही है। सांकरा मोड में बनी दुकानों को भी तात्कालीन सरपंच व पंचों ने अपने रिश्तेदार और करीबी लोगों को बांट दिया है।

पहले भी करा चूके नवनिर्माण

कुमार होटल को नोटिस भेजने के बाद यहां निर्माण बंद है। इससे पहले भी कई दुकानों को लोग मरम्मत कराने के नाम से तोड़ फोड़कर चुके है, जबकि इसके लिए पंचायत को कार्रवाई करनी चाहिए थी। पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसी अनदेखी के कारण पूर्व सरपंच के कार्यकाल में कई लोग पंचायत की दुकानों को बेच तक दिए है। गांव के युवा पूर्व में हुई गड़बड़ी की जांच के लिए जिला प्रशासन से शिकायत करने की तैयारी में हैं।