बिना तैयारी के पहुंचे बैठक में अधिकारी, बैठक से रहे नदारत कई अधिकारी, सदस्यों ने जताई नाराजगी

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छुईखदान। जनपद पंचायत छुईखदान की चुनाव के बाद पहली सामान्य सभा बैठक में उस समय हैरानी और नाराजगी का माहौल बन गया, जब कई विभागों के अधिकारी अनुपस्थित पाए गए और जो अधिकारी उपस्थित थे, वे भी अपने विभागीय कार्यों की समुचित जानकारी देने में असमर्थ नजर आए।
बैठक की अध्यक्षता जनपद अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा प्रकाश जंघेल ने की। साथ ही सीईओ रवि कुमार, सभी सभापति और जनपद सदस्य मौजूद रहे। बैठक में पेयजल संकट, प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, महिला बाल विकास, सहकारिता विभाग और कार्यालय में अनाधिकृत रूप से कार्यरत ऑपरेटर जैसे गंभीर मुद्दे उठाए गए।

पेयजल संकट पर चर्चा

जनपद सभापति डोमार सिंह सहित आधा दर्जन से अधिक जनपद सदस्य ने पेयजल संकट का मुद्दा उठाया, तो जवाब देने के लिए पीएचई विभाग का कोई भी अधिकारी बैठक में उपस्थित नहीं था, जिससे सवालों का कोई जवाब नहीं मिल पाया और सदस्यों ने इस गैरजिम्मेदाराना रवैय्ये की कड़ी निंदा करते हुए संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की।

आवास हितग्राहियों के मजदूरी राशि के मस्टररोल में गडबड़ी

सभापति सुधीर गोलछा ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्माण कार्य पूर्ण कर चुके हितग्राहियों के मस्टररोल नहीं बनने और मजदूरी भुगतान में हो रही देरी पर सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा कि निर्माण कार्य के दौरान ही हितग्राहियों को 90 मानव दिवस की मजदूरी देनी होती है, वो क्यों नहीं दिया गया है। इस पर मनरेगा परियोजना अधिकारी सिद्धार्थ जयसवाल ने कहा कि अभी मस्टररोल जारी कर देंगे। इस पर सभापति श्री गोलछा ने प्रतिप्रश्न करते हुए कहा कि कार्य पूर्ण (मकान पूर्ण) हो जाने के बाद मस्टर रोल कैसे बना सकते हैं? परियोजना अधिकारी सिद्धार्थ जयसवाल इस पर कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दे सके और एक सप्ताह के भीतर सभी हितग्राहियों के मस्टर रोल बनाने का आश्वासन दिया।

महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी भी रहे नदारत

महिला बाल विकास विभाग की सभापति श्रीमती ज्योति जंघेल ने बिना सूचना के परियोजना अधिकारी की अनुपस्थिति पर कड़ी नाराजगी जताते हुए उच्च कार्यालय को पत्र लिखकर शिकायत करने की बात कही। जनपद सदस्य रमेश साहू ने सहकारिता विभाग के अधिकारियों की अनुपस्थिति का मुद्दा उठाया और समिति प्रबंधकों की नियुक्ति के समय की शैक्षणिक योग्यता संबंधी दस्तावेजों की मांग रखी।

अनाधिकृत ऑपरेटर का मामला उठा

बैठक में यह गंभीर मामला भी सामने आया कि जनपद कार्यालय में चार ऑपरेटर अनाधिकृत रूप से कार्यरत हैं, जिस पर सीईओ रवि कुमार ने जांच कराने की बात कहकर टालने की कोशिश की, लेकिन सदस्यों ने जनपद में कार्यरत सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के नाम और पदनाम की सूची सार्वजनिक करने की मांग रख दी। सदस्यों ने कहा कि जनपद कार्यालय में 4 ऐसे ऑपरेटर कार्य कर रहे हैं, जिनकी नियुक्ति नहीं हुआ है, किन्तु वे चारों ऑफिस के कंप्युटर पर काम करते हैं और ग्राम पंचायतों के 15 वित्त के बिलों का भुगतान करते हैं, जिसमें हाल ही मे लाखों रुपये के फर्जी भुगतान का भी मामला सामने आया था। साथ यह भी बात सामने आई कि ये ऑपरेटर फर्जी फर्म बनाकर उसके जीएसटी बिल बनाकर रुपये के भुगतान भी कर रहे हैं स

राशनकार्ड बनाने के नाम पर अवैध वसूली का मामला

सदस्य दुष्यंत जंघेल ने फर्जी राशन कार्ड बनाए जाने और राशन कार्ड बनवाने के नाम पर हो रही अवैध वसूली का मामला उठाया, जिससे सदन का माहौल कुछ समय के लिए गर्मा गया। सभी सदस्यों ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अधिकारी के आईडी पासवर्ड उनके ऑफिस के ऑपरेटर दुरुपयोग करते हैं।
तमाम मुद्दों ने जनपद प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर दिए और यह बैठक, जहां विकास की योजनाओं पर सकारात्मक संवाद होना था, अधिकारियों की लापरवाही और जवाबदेही की कमी के चलते असंतोष और आक्रोश का केंद्र बन गई।
बैठक में विधायक प्रतिनिधि विनोद ताम्रकार, सभापति डोमार सिंह, सुधीर गोलछा, मन्नू मरकाम, ज्योति जंघेल, हिमेश्वरी वैष्णव, काशी राम पोर्टे, दुष्यंत जंघेल, रमेश साहू, रीना यदु, रिखि राम, कुसुम बाई उपस्थित रहीं।