बिलासपुर में आयोजित प्रांतीय विचार वर्ग कार्यशाला में राजनांदगांव टीम का रहा शानदार प्रदर्शन

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राजनांदगांव। स्वदेशी जागरण मंच की प्रांतीय विचार वर्ग कार्यशाला का आयोजन 12-13 जुलाई को बिलासपुर स्थित झूलेलाल मंगलम भवन, तिफरा में किया गया। दो दिवसीय इस विचार शिविर में राजनांदगांव जिले की टीम ने प्रभावशाली भागीदारी निभाते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। छत्तीसगढ़ के सभी संभागों व जिलों से आए कार्यकर्ताओं में राजनांदगांव की टीम सबसे सक्रिय व अनुशासित नजर आई।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में स्वदेशी जागरण मंच के संरक्षक सतीश कुमार (हरियाणा) मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने मंच के उद्देश्यों, कार्यप्रणाली और स्वदेशी की अवधारणा को विस्तार से समझाते हुए कहा कि विदेशी उत्पादों पर हमारी निर्भरता देश की आत्मनिर्भरता के लिए खतरा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने की। उन्होंने मंच के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि स्वदेशी आंदोलन केवल एक विचार नहीं, बल्कि राष्ट्रनिर्माण की नींव है।
प्रशिक्षण वर्ग में मंच के वरिष्ठ प्रांतीय वक्ताओं और पदाधिकारियों ने उपस्थित कार्यकर्ताओं को स्वदेशी की मूल भावना, आर्थिक दृष्टिकोण और सामाजिक प्रभाव की जानकारी दी। वक्ताओं ने कहा कि विदेशी वस्तुओं का अंधाधुंध उपयोग भारत को आत्मनिर्भर बनने से रोकता है, अतः सभी कार्यकर्ताओं को जनमानस को जागरूक करने की जिम्मेदारी निभानी होगी।
राजनांदगांव जिले से जिला संयोजक एडवोकेट राजकुमार शर्मा, राकेश इंदुभूषण ठाकुर, राकेश दुबे, भगवान झा, अनिमेष रॉय, श्री गुप्ता, सुनील बाजपेई, हकीम खान, सीएस शर्मा, दिग्विजय मिश्रा सहित कई सदस्य शामिल हुए।
महिला प्रतिनिधियों में सुधा पवार, संगीता शुक्ला, फातिमा सोलंकी, आयुषी, प्रतिभा साहू, कमलेश्वरी साहू, जमुना साहू, मंजू साहू प्रमुख रूप से उपस्थित रहीं।
कार्यशाला के दौरान राजनांदगांव टीम की सक्रिय भागीदारी, अनुशासन और सजगता की सभी ने सराहना की।
कार्यशाला की जानकारी अनिमेष रॉय ने साझा करते हुए बताया कि सभी प्रतिभागियों ने अपने दैनिक जीवन में स्वदेशी उत्पादों को अपनाने और विदेशी वस्तुओं से दूरी बनाने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य केवल भाषण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर जनजागरण और व्यवहारिक परिवर्तन के लिए तैयार किया गया।
कार्यक्रम में स्वदेशी जागरण मंच की ओर से यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि आने वाला समय स्वदेशी का है, और देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर नागरिक की भागीदारी आवश्यक है।