राजनांदगांव। जिले में पंजीकृत मछुआ सहकारी समितियों के आर्थिक विकास हेतु कार्ययोजना बनाने एवं मछलीपालन में अधिक से अधिक सहभागिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिले में विकासखंडवार समितियों का एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कार्यालय जनपद पंचायत सभागृह राजनांदगांव, शासकीय मत्स्य बीज प्रक्षेत्र अछोली डोंगरगढ़ एवं शासकीय मत्स्य बीज प्रेक्षत्र कोकपुर में किया गया। कार्यशाला में नवीन मत्स्य नीति के अनुसार समितियों का पंजीयन, उपविधि संशोधन, निर्वाचन, अंकेक्षण सहित अन्य विषयों के संबंध में जानकारी दी गई।
कार्यशाला में बहुत पुराने मत्स्य समितियों का पंजीयन होने पर समिति के कार्य क्षेत्र एवं समय समय पर नवीन पंचायतों का नाम उनके उपविधि में लिखा नहीं होने से विवादों के निपटारे के संबंध में जानकारी दी गई। कार्यशाला में बताया गया कि निर्वाचित पदाधिकारियों की संख्या में उपविधि के अनुसार भिन्नता है, तो जिससे निर्वाचन में समस्या होती है। दस्तावेजों का संधारण नहीं करने पर अंकेक्षण समय पर नहीं होता है। शासन द्वारा जारी नवीन मछली पालन नीति में निहित शर्तों एवं प्रावधानों की जानकारी मछुआ सहकारी समितियां को नहीं होने से वाद विवाद की स्थिति निर्मित होती है। इन समस्याओं के समाधान के लिए नए नियमों एवं तालाब आबंटन के प्रावधानों की जानकारी दी गई। साथ ही सदस्यों को मछली पालन की नवीन तकनीक के बारे में विस्तार से बताया गया।
मछुआ सहकारी समितियों की कार्यशाला संपन्न
