राजनांदगांव (नांदगांव टाइम्स) राजनांदगांव जिले के महामाया चौक स्थित एटीएम में दो दिन पूर्व हुई ठगी के मामले को सुलझाते हुए पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से एक बुजुर्ग व्यक्ति के एटीएम से ₹39,500 निकालकर धोखाधड़ी की थी। मिशन “त्रिनेत्र” के तहत सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने इन अपराधियों को बिलासपुर से धरदबोचा।

कैसे दिया गया वारदात को अंजाम
पीड़ित शिव दयाल रंघाटी (निवासी- सृष्टि कॉलोनी, राजनांदगांव) 3 फरवरी को सुबह 9:00 बजे एटीएम से पैसा निकालने गए थे। दो बार प्रयास के बावजूद पैसे न निकलने पर पीछे खड़े एक अज्ञात व्यक्ति ने उनका पिन नंबर देख लिया और सलाह दी कि दूसरे एटीएम से पैसे निकालें। जैसे ही पीड़ित महामाया चौक स्थित एटीएम पहुंचे, आरोपी पहले से वहां मौजूद थे।पीड़ित द्वारा कार्ड मशीन में डालते ही वह फंस गया। इस दौरान आरोपियों ने उन्हें एक फर्जी एटीएम हेल्पलाइन नंबर दिया, जिससे फोन करने पर उन्हें 11:00 बजे आने की सलाह दी गई। बाद में जब वे बैंक पहुंचे तो उन्हें ₹39,500 की निकासी की जानकारी मिली।
गिरफ्तारी और बरामदगी
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग के निर्देशन में एक विशेष टीम गठित की गई। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चार संदिग्धों की पहचान हुई, जो एक महाराष्ट्र नंबर की हुंडई कार से दुर्ग-रायपुर की ओर भाग रहे थे। पुलिस ने दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर पुलिस के सहयोग से बिलासपुर में घेराबंदी कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से ₹49,000 नकद, 6 एटीएम कार्ड, 6 मोबाइल फोन, फेविक्विक और वारदात में प्रयुक्त हुंडई कार (अनुमानित कीमत ₹6 लाख) बरामद की गई।
गिरफ्तार आरोपी
1. शिव शंकर प्रसाद (26) – ग्राम झुरझुरी, थाना बरकट्ठा, हजारीबाग, झारखंड 2. विकास कुमार (28) – ग्राम झुरझुरी, थाना बरकट्ठा, हजारीबाग, झारखंड 3. सचिन शर्मा (21) – ग्राम झुरझुरी, थाना बरकट्ठा, हजारीबाग, झारखंड 4. उपेन्द्र सिंह (47) – ग्राम माथपार, थाना सिकंदरपुर, बलिया, उत्तर प्रदेश (वर्तमान पता- गुजरात)
मुख्य आरोपी शिव शंकर प्रसाद के खिलाफ पहले भी झारखंड और छत्तीसगढ़ में कई मामले दर्ज हैं।
वारदात करने का तरीका
1. आरोपी पहले से एटीएम के आसपास रेकी करते हैं।
2. बुजुर्ग या अनजान व्यक्ति को निशाना बनाकर कार्ड स्लॉट में फेविक्विक लगा देते हैं।
3. एक आरोपी पीछे खड़ा होकर पीड़ित का पिन नंबर देख लेता है।
4. दूसरा आरोपी मदद के बहाने फर्जी हेल्पलाइन नंबर देता है।
5. जैसे ही पीड़ित चला जाता है, आरोपी सावधानी से फंसा हुआ कार्ड निकालते हैं और पैसे निकाल लेते हैं।
पुलिस टीम की महत्वपूर्ण भूमिका
इस सफल कार्रवाई में निरीक्षक एमन साहू, उपनिरीक्षक प्रमोद श्रीवास्तव, सउनि मनमोहन साहू, प्र.आर. विनोद जावट, दीपक जायसवाल, मेनका साहू, आरक्षक कुश बघेल, प्रवीण मेश्राम, आशीष मानिकपुरी और राजेश्वर बंदेश्वर की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
नगर पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र नायक ने प्रेसवार्ता में बताया कि “यह गिरोह पूरे देश में घूम-घूमकर एटीएम ठगी करता था। मिशन ‘त्रिनेत्र’ के तहत आरोपियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया गया है।”
गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस अन्य ठगी मामलों में भी आरोपियों की संलिप्तता की जांच कर रही है।