महिला सम्मेलन में श्रीमती करूणा यादव ने गौवंश संरक्षण, नशामुक्ति और आत्मरक्षा पर दिया जोर

Share This :

राजनांदगांव। रायपुर के कटोरातालाब स्थित वृन्दावन भवन में प्रदेश स्तरीय सर्व यादव महिला सम्मेलन गरिमामय और भव्य वातावरण में संपन्न हुआ। इस आयोजन में राजनांदगांव की मातृशक्ति ने भी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराई। सम्मेलन की मुख्य अतिथि श्रीमती कौशिल्या देवी साय, धर्मपत्नी मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय रहीं, जबकि अध्यक्षता श्रीमती करूणा मधुसूदन यादव ने की।

ज्वलंत मुद्दों पर रखा विचार
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्रीमती करूणा यादव ने अपने संबोधन में महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ गौवंश रक्षा, नशामुक्ति और बालिकाओं की आत्मरक्षा जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक विषयों पर मुख्यमंत्री प्रतिनिधि श्रीमती साय का ध्यान आकर्षित किया।
उन्होंने कहा कि —

“शालाओं में बालिकाओं के लिए आत्मरक्षा का प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाए। सड़कों पर बेसहारा घूम रहे गौवंश की सुरक्षा और देखरेख के लिए विशेष नीति बने। वहीं, युवाओं और बुजुर्गों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर रोक लगाने व्यापक नशामुक्ति अभियान चलाया जाए।”

सम्मान और सहभागिता का संगम
इस अवसर पर बालोद से श्रीमती मंजू राकेश यादव, राजनांदगांव से श्रीमती जागृति चुन्नी यदु, सभापति जिला पंचायत राजनांदगांव, पार्षद खेमिन राजेश यादव, तथा सरपंच मधु यादव सहित कई प्रतिनिधि शामिल हुए। आयोजन समिति में देवभोग, कोरबा, तखतपुर, पामगढ़, मस्तूरी और रायपुर से आईं महिला प्रतिनिधियों ने सक्रिय भूमिका निभाई।

मुख्य अतिथि का संबोधन
मुख्य अतिथि श्रीमती कौशिल्या देवी साय ने कहा कि यादव समाज भगवान श्रीकृष्ण के वंशज हैं, और सामाजिक चेतना के माध्यम से समाज को एकजुट करना गौरव का विषय है। उन्होंने कहा —

“महिलाओं की भूमिका केवल परिवार तक सीमित नहीं, अब वे समाजिक और प्रशासनिक स्तर पर भी नेतृत्व कर रही हैं। इस सम्मेलन के माध्यम से समाज की जागरूकता और एकता का परिचय मिला है।”

उन्होंने श्रीमती करूणा यादव द्वारा प्रस्तुत सुझावों को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।

सम्मेलन में हुआ पदाधिकारियों का मनोनयन
कार्यक्रम में प्रदेश स्तरीय सर्व यादव महिला टीम के नवीन पदाधिकारियों की सूची जारी की गई, साथ ही सभी जिलों से आए प्रतिनिधियों का स्वागत एवं सम्मान किया गया। सामाजिक मुद्दों पर परिचर्चा के माध्यम से समाधान की दिशा में ठोस प्रयासों की रूपरेखा तैयार की गई।