मातृत्व वंदना योजना के नाम पर महिलाओं को बना रहे ठगी का शिकार

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राजनांदगांव। राज्य सरकार की गर्भवती और शिशुवती महिलाओं के लिए संचालित मातृत्व वंदना योजना अब साइबर ठगों के निशाने पर है। खुद को डॉक्टर बताकर कॉल करने वाले शातिर ठग मितानिनों और महिला हितग्राहियों को भरोसे में लेकर हजारों रुपये की ठगी कर रहे हैं। राजनांदगांव जिले में ऐसे मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है, जिस पर पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने की अपील की है।
शातिर ठग पहले मितानिनों को कॉल करते हैं। ट्रूकॉलर पर उनका नाम किसी डॉक्टर की तरह सेव होता है, जिससे मितानिनें भ्रमित होकर बातचीत में आ जाती हैं। फिर वे मातृत्व वंदना योजना का हवाला देकर गर्भवती व शिशुवती महिलाओं की जानकारी मांगते हैं।
साइबर ठग योजना का लाभ दिलाने और खाते में राशि भेजने का झांसा देकर मितानिनों व हितग्राहियों को कॉन्फ्रेंस कॉल पर जोड़ते हैं। बातचीत के दौरान वे महिला लाभार्थियों से उनका फोन-पे, गूगल-पे, यूपीआई आईडी की जानकारी हासिल कर लेते हैं।
फिर एक फर्जी पेमेंट नोटिफिकेशन या क्यूआर कोड भेजते हैं, जिसे क्लिक करते ही महिला के खाते से रुपये गायब हो जाते हैं।
साइबर ठग केवल महिलाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि विभागीय कर्मचारियों को भी शिकार बना रहे हैं। सरकारी वेबसाइटों से वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी लेकर, वे छोटे कर्मचारियों को उनके नाम से कॉल करते हैं। सम्मान और डर के कारण कर्मचारी उन्हें आवश्यक जानकारियां दे देते हैं।
ठग योजनाओं के नाम पर मोबाइल पर डॉट एपीके फार्म भेजते हैं। इस पर क्लिक करते ही मोबाइल में स्क्रीन रिकॉर्डिंग, कॉल फॉरवर्डिंग और एसएमएस एक्सेस की अनुमति मिल जाती है। इससे ओटीपी और बैंक संबंधी जानकारी सीधे ठगों तक पहुंच जाती है और वे खाता खाली कर देते हैं।
राजनांदगांव पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि अनजान नंबर से आए कॉल पर व्यक्तिगत या बैंक संबंधी जानकारी न दें, किसी योजना के नाम पर अगर ऐप या लिंक भेजा जाए तो उसे क्लिक न करें, कोई भी अधिकारी फोन पर बैंक से जुड़ी जानकारी नहीं मांगता, कॉल के माध्यम से कोई भी पेमेंट स्वीकार न करें। अगर ठगी का शिकार हुए हैं तो तत्काल साइबर सेल या पुलिस थाने में संपर्क करें।