राजनांदगांव (नांदगाँव टाइम्स) रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) राजनांदगांव ने ‘ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते’ के तहत एक 12 वर्षीय नाबालिग बालक को उसके परिजनों से मिलाकर एक सराहनीय कार्य किया।
मिली जानकारी के अनुसार, दिनांक 18 फरवरी 2025 को सुबह करीब 5:00 बजे रेलवे रिजर्वेशन केंद्र के पास गश्त के दौरान निरीक्षक तरुणा साहू, उपनिरीक्षक के. प्रसाद, आरक्षक आर.के. दुबे और आरक्षक मनीष कुमार ने एक डरे-सहमे बालक को रोते हुए देखा। जब उससे प्यार से पूछताछ की गई, तो उसने अपना नाम बताया और बताया कि वह 17 फरवरी को माता-पिता की डांट से नाराज होकर भिलाई से साइकिल पर सवार होकर राजनांदगांव आ गया था।
आरपीएफ टीम नाबालिग को थाने ले गई और स्टेशन प्रबंधक को सूचना दी गई। इसके बाद, बच्चे के परिजनों को मोबाइल के माध्यम से सूचित किया गया। बालक के पिता ने बताया कि उनके बेटे के लापता होने की सूचना भिलाई-3 थाने में दर्ज कराई गई थी और वे उसकी तलाश में मोहल्ले और परिचितों के यहां भटक रहे थे।बाद में, बालक के पिता और चाचा राजनांदगांव पहुंचे। आधार कार्ड से पहचान सत्यापित करने के बाद, गवाहों की उपस्थिति में बच्चे को सुरक्षित उनके सुपुर्द कर दिया गया। अपने बेटे को सकुशल पाकर परिजन बेहद खुश हुए और आरपीएफ राजनांदगांव की टीम का आभार व्यक्त किया।
रेलवे सुरक्षा बल की सराहनीय पहल
आरपीएफ की ‘ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते’ पहल का उद्देश्य ऐसे बच्चों की मदद करना है जो किसी कारणवश परिवार से बिछड़ जाते हैं। आरपीएफ राजनांदगांव की टीम ने इस अभियान के तहत संवेदनशीलता और तत्परता का परिचय देते हुए एक परिवार को फिर से मिलाया और समाज में सुरक्षा बलों के प्रति विश्वास को और मजबूत किया।