राजनीति ही नहीं भ्रष्टाचार की भेंट भी चढ़ गया सुरगी रोड

Share This :

रोड का काम कर रहा है पेटी कांट्रेक्टर, सूचना के अधिकार में मिली जानकारी

(नांदगाँव टाइम्स) शुरुवात से ही सुरगी रोड निर्माण कार्य विवादों में रहा जिसमें राजनीति तो हुई पर अब यह रोड निर्माण कार्य भ्रष्टाचार की भेंट भी चढ़ गया है। 16 करोड़ की सुरगी सड़क को लेकर रोज़ नये खुलासे हो रहे है। सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद विभाग ने सड़क पर लीपापोती तो शुरू किया जिसका कार्य पेटी कांट्रैक्टर कर रहा है । इसका खुलासा आरटीआई द्वारा दी गई जानकारी में हुआ है। ज्ञात हो कि हल्दी से होते हुए सुरगी, कुम्हालोरी तक जाने वाली सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। वर्षों पुरानी इस सड़क की दशा अत्यंत जर्जर हो गई। ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों की मांग पर लगभग 8-9 माह पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सड़क निर्माण के लिए रा शि स्वीकृति की थी। निर्माण कार्य शुरू हुआ, लेकिन विवादों में फंस गया। ठेकेदार ने निर्माण अधूरा छोड़कर कार्य बंद कर दिया।

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया रोड का काम

सुरगी-कुम्हालोरी मार्ग पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। करोड़ों की राशि स्वीकृत होने और टेण्डर प्रक्रिया पूर्ण होने के बावजूद ठेकेदार ने सड़क निर्माण में जमकर लापरवाही बरती। पुरानी सड़क की डामर की परत उखाड़े बगैर ही उस पर बेस बिछाया गया। नतीजा यह हुआ कि बनते ही सड़क धंसने लगी और 16 करोड़ की इस सड़क में जगह-जगह गडढे हो गए।

धीमी गति से चलता रहा निर्माण

पीडब्लूडी के अधिकारियों और ठेकेदार मिलेनियम कंस्ट्रक्शन ने धीमी गति से सड़क निर्माण का कार्य शुरु किया। यही नहीं आबादी वाले हिस्सों में सड़क का निर्माण शुरु ही नहीं किया गया। इस बीच मॉनसून के चलते काम बंद हो गया। इससे प्राथमिक तौर पर जो राहत ग्रामीणों को मिलनी थी वह नहीं मिल सकी। ग्रामीणों का कहना है कि, स्टेट हाइवे में गांव से होकर गुजरने वाली सड़कों पर पहले काम किए जाने की जरुरत थी। इसके इतर विभाग और ठेकेदार ने दूसरे हिस्सों में काम शुरु कर दिया।

गुणवत्ता को लेकर सवाल

मिलेनियम कंस्ट्रक्शन इस स्टेट हाइवे में लगभग 10 किमी की सड़क के निर्माण में जुटी हुई है जिसकी लागत 16 करोड़ रुपए है। इस कार्य को लेकर अब जो तस्वीरें सामने आ रही हैं उसमें गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठाया जा रहा है। निर्माण आगे बढ़ाने से पहले सड़क की मौजूदा स्थिति की जांच जरुरी बताई जा रही है। डीबीएम में इस्तेमाल किए जा रहे मटेरियल की क्वॉलिटी को लेकर कई तरह की बातें सामने आ रही है। दूसरी ओर निर्माण के दौरान भी सब इंजीनियर साईट से दूर हैं। इसके चलते भी सामग्री की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।