राजनांदगांव। सावन माह की अमावस्या पर छत्तीसगढ़ का प्रथम लोक पर्व हरेली तिहार शहर के बाबूटोला वार्ड क्रमांक 1 स्थित शक्तिधाम महाकाली मंदिर में परंपरागत उत्साह और धार्मिक श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर शक्तिधाम परिवार एवं ग्रामवासियों की उपस्थिति में पूरे दिन विविध गतिविधियां आयोजित की गईं।
गुरुदेव हरीश यादव के सानिध्य में कृषि यंत्रों की विधिवत पूजा-अर्चना कर त्योहार की परंपरा का निर्वहन किया गया। ग्रामीणों ने हल, कुदाल, फावड़ा जैसे यंत्रों को स्वच्छ कर देवी महाकाली के समक्ष अर्पित कर समृद्धि और फसल की खुशहाली की कामना की। हरेली तिहार के अवसर पर शक्तिधाम परिसर छत्तीसगढ़ी लोक परंपराओं से जीवंत हो उठा।
गुरुदेव हरीश यादव ने इस अवसर पर कहा कि हरेली तिहार हमारी कृषि परंपरा, प्रकृति प्रेम और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इन परंपरागत लोक पर्वों को संरक्षित करें और अगली पीढ़ियों को इनसे जोड़ने का कार्य करें।
इस हरेली पर्व आयोजन में शक्तिधाम परिवार के सदस्यों के साथ-साथ वार्डवासियों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। सभी ने आस्था, आनंद और आत्मीयता के साथ त्योहार को मनाया, और अंत में प्रसादी वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
हरेली पर्व ने एक बार फिर यह साबित किया कि आधुनिकता के इस दौर में भी छत्तीसगढ़ी संस्कृति की जड़ें गहरी और मजबूत हैं, जो हमें हमारी परंपरा और प्रकृति से जोड़ती हैं।
शक्तिधाम में पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया गया हरेली तिहार
