राजनांदगांव।(नांदगाँव टाइम्स) संस्कारधानी के नाम से प्रसिद्ध राजनांदगांव अपनी सांस्कृतिक विरासत और सभ्यता के लिए जाना जाता है, लेकिन हाल के दिनों में यह शहर नशे के बढ़ते जाल में उलझता जा रहा है। अवैध नशे के कारोबार ने न केवल युवाओं को अपनी चपेट में लिया है, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
युवा समाजसेवी तथागत पांडे ने इस बढ़ती समस्या को लेकर पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपते हुए अवैध नशे के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि शहर के मध्य और बाहरी इलाकों में खुलेआम नशे की सामग्री बेची जा रही है। खासतौर पर कुछ कैफे की आड़ में नाबालिग बच्चों को नशे का आदी बनाया जा रहा है, जो समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
महिलाओं की सुरक्षा पर मंडराता खतरा
तथागत पांडे ने यह भी कहा कि रात 9 बजे के बाद महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडराने लगता है। उन्होंने इस स्थिति को संस्कारधानी की गरिमा के लिए निंदनीय बताते हुए प्रशासन से जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की मांग की है।
10 दिनों में कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन
पांडे ने पुलिस प्रशासन को 10 दिनों के भीतर इस अवैध कारोबार पर रोक लगाने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि इस अवधि में प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई, तो वे जनहित में चरणबद्ध आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
ज्ञापन सौंपने के दौरान युवा नेता शुभम पांडे (युका पूर्व जिला उपाध्यक्ष एवं जनपद सदस्य), सौरभ तिवारी, प्रदीप यादव, श्रीकांत सोनी, शशांक सिंह राजपूत, सुनंदन लोहिया, मोनू ठाकुर, अजय गुप्ता, अक्षत कांकरिया, मोहित अग्रवाल, दर्शन गांधी, अंकित राव, विकास गुप्ता, आशीष गुप्ता, लोमेश निर्मलकर सहित कई अन्य समाजसेवी उपस्थित थे।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मुद्दे पर कितनी तेजी से कार्रवाई करता है और क्या संस्कारधानी की गरिमा को बचाने के लिए सख्त कदम उठाए जाते हैं या नहीं।