सुशासन तिहार की यादें, दे गई कई सौगातें, जिले में 1 लाख 26 हजार 75 आवेदनों का किया गया निराकरण

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राजनांदगांव। खुशियों की धनक कुछ इस तरह से आई है, चेहरों पर मुस्कान और उल्लास लेकर आई है। यह सुशासन तिहार बहुत सी यादें देकर गया। किसी के ख्वाब पूरे हुए, कुछ बात बनी तो कहीं किसी की दिक्कत दूर हुई। सुशासन तिहार सफलता की इबारत लिख गया है। जो प्रेरक एवं लोककल्याणकारी है। इसके बहुत मायने हैं, जनमानस की आकांक्षाओं और उम्मीदों को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एक बेहतरीन पहल की। लोकतंत्र एक अलग स्वरूप में अभिव्यक्त हुआ और दूर दराज तक आम जनता ने अपने सुख-दुख बांटे। जिले में जनसामान्य में अपनी समस्याओं को बताने के प्रति जागृति और जज्बा दिखाई दिया। प्रथम चरण में बड़ी संख्या में लोगों ने अपना आवेदन समाधान पेटी में जमा किया। गांव-गांव, मोहल्ले, चौक चौराहे पर सुशासन तिहार की चर्चा रही। वहीं शहरी क्षेत्रों में भी नागरिकों ने बढ़ चढ़ कर सुशासन तिहार में हिस्सा लिया। आम जनता के द्वार तक पहुँचकर उनकी समस्या के समाधान की शिद्दत से कोशिश की गई। सकारात्मक निदान खोजे गए और आम जनता को राहत मिली है। मुख्यमंत्री ने गांव-गांव में जाकर आम जनता के दुख-तकलीफ को जाना और समझा। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने समाधान शिविर में आम जनता के बीच पहुंच कर उनके सुख- दुख को जाना। उन्होंने पूछा कि कोई परेशानी तो नहीं है और यह भरोसा दिलाया कि सरकार आपके साथ है। लगातार सुशासन तिहार में शामिल होकर उन्होंने समस्याओं के समाधान के लिए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। इस बीच जिले को विभिन्न तरह की सौगात भी मिली। जिले में नालंदा परिसर के लिए भूमिपूजन किया गया। वहीं शासकीय प्रेस, मातृ छाया, फिश एम्ेरियम जैसी सौगात मिली। परिणाममूलक कार्य किए गए। जिले में 1 लाख 28 हजार 92 आवेदन पत्र प्राप्त हुए है। जिनमें 1 लाख 26 हजार 75 आवेदनों का निराकरण किया गया है। समर्पित एवं प्रतिबद्ध सरकार आम जनता के हित के लिए निरंतर कार्य कर रही है। जिला प्रशासन द्वारा संवेदनशीलता एवं तत्परतापूर्वक समस्याओं का निराकरण किया गया। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने सुशासन तिहार को गति प्रदान की। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों की सक्रिय सहभागिता रही।
एक माह तक उत्सव के माहौल में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जिला स्तरीय शिविर का आयोजन किया गया। ग्रीष्म ऋतु के बावजूद बड़ी संख्या में लोगों ने इन शिविरों में शिरकत की। आम जनता के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रभावी कार्य किए गए। सर्वाधिक आवेदन प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए प्राप्त हुए। दूरस्थ अंचलों तक आवास की बहुतायत मांग रही। शिविरों में हितग्रहियों को उनके पक्के आवास की खुशियों की चाबी सौंपी गई। बड़ी संख्या में पात्र व्यक्तियों का आवास के लिए चिन्हांकन किया गया। सुशासन तिहार में लाभ हेतु 27648 हितग्राहियों को चिन्हांकित किया गया। इसी तरह बड़ी संख्या में प्रधानमंत्री आवास योजना, महतारी वंदन योजना, वृद्धा पेंशन, आयुष्मान कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, श्रमिक कार्ड, किसान किताब, राशन कार्ड, सड़क निर्माण, राजस्व प्रकरण, जॉब कार्ड, निःशुल्क बीज वितरण, दिव्यांगजनों को मोटराईज ट्रायसायकल, मछली जाल, आईस बाक्स, किसान क्रेडिट कार्ड, नोनी सशक्तिकरण योजना के तहत चेक वितरण, लखपति दीदी को प्रमाण पत्र का वितरण किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा नन्हें बच्चों का अन्नप्राशन का आयोजन किया गया तथा गर्भवती माताओं की गोदभराई की गई। शिविरों में विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाकर विभागीय योजनाओं की जानकारी दी गई और पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। जनमानस के द्वार तक पहुंच कर शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया गया। नीतिगत निर्णय के लिए पत्र भी प्रेषित किए गए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा नागरिकों का स्वास्थ्य जांच किया गया और आवश्यकता अनुसार मरीजों को निःशुल्क दवाईयां दी गई। सुशासन तिहार अंतर्गत आयोजित समाधान शिविर में प्रस्तुत शिकायतों एवं मांगों के आवेदनों का निराकरण होने से ग्रामीणों के चेहरे पर खुशी और शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास देखने को मिला।