स्थानीय उत्पादों के प्रसंस्करण पर करें फोकस, रोजगार की अपार संभावनाएं : डॉ. मनिन्दर कौर

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मोहला। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव एवं आकांक्षी जिला कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ. मनिन्दर कौर ने कहा कि जिले में स्थानीय संसाधनों के आधार पर प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना कर रोजगार के नए द्वार खोले जा सकते हैं। उन्होंने वनोपज, अनाज और शहद उत्पादन पर फोकस करने की आवश्यकता बताई। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने विभागीय योजनाओं की प्रगति पर चर्चा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

बैठक में कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति, जिला पंचायत सीईओ भारती चंद्राकर, अपर कलेक्टर जीआर मरकाम सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

मधुमक्खी पालन और स्थानीय उत्पादों की प्रोसेसिंग पर विशेष जोर
डॉ. कौर ने कहा कि जिले में शहद निर्माण की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कलेक्टर एवं डीएफओ को बॉक्स मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए, जिससे ग्रामीणों को स्वावलंबी बनाकर व्यापक रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। साथ ही उन्होंने वनोपज आधारित प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने हेतु कार्ययोजना तैयार करने को कहा।

प्राकृतिक खेती और सॉयल हेल्थ कार्ड को मिले बढ़ावा
कृषि विभाग की समीक्षा में डॉ. कौर ने प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के पंजीयन की जानकारी ली और निर्देश दिए कि 100% पंजीयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रशिक्षण देने पर बल दिया।
उन्होंने कृषि अधिकारियों से सॉयल हेल्थ कार्ड वितरण की स्थिति जानकर कहा कि किसानों को इसके लाभों की जानकारी दी जाए, ताकि वे अपनी भूमि की उपजाऊ क्षमता के अनुरूप खाद का प्रयोग कर सकें।

एफपीओ को मिले प्रोत्साहन, बीज व्यापार में आए तेजी
डॉ. कौर ने एफपीओ में सदस्यों की संख्या बढ़ाकर उन्नत बीज वितरण को सशक्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने दलहन और तिलहन की खेती के विस्तार को जरूरी बताते हुए हाई वैल्यू क्रॉप की ओर किसानों को आकर्षित करने की बात कही।

महिलाओं और किशोरियों के पोषण पर संयुक्त कार्य की आवश्यकता
स्वास्थ्य और महिला बाल विकास विभाग की संयुक्त समीक्षा करते हुए डॉ. कौर ने किशोरियों और महिलाओं के पोषण पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने संस्थागत प्रसव बढ़ाने, पोषण स्तर सुधारने, टीबी स्क्रीनिंग में तेजी लाने और सिकलसेल एवं एनीमिया नियंत्रण हेतु ठोस प्रयास करने को कहा।

इस दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति की भी जानकारी ली गई और आवश्यक सुधार के निर्देश दिए गए।

छात्रावासों की स्थिति, मत्स्य पालन और जलाशयों की हुई समीक्षा
आदिम जाति विकास विभाग के अंतर्गत संचालित छात्रावासों और शिक्षा की गुणवत्ता पर चर्चा करते हुए डॉ. कौर ने सुधारात्मक कदम उठाने की बात कही। वहीं, मत्स्य पालन विभाग द्वारा जलाशयों में केज कल्चर को प्रोत्साहित करने की जानकारी दी गई।

17 गांवों में पहली बार पहुंची बिजली, डॉ. कौर ने की सराहना
विद्युत विभाग की समीक्षा में जानकारी दी गई कि जिले के 17 गांवों में पहली बार बिजली पहुंचाई गई है, जिस पर डॉ. कौर ने विभाग की सराहना की। उन्होंने संचार सुविधा, लोन प्रकरण और पीएम आवास योजना की प्रगति की भी समीक्षा की।

स्थानीय स्तर पर रोजगार की अपार संभावनाएं
बैठक के अंत में कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति ने स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार प्रशिक्षण और संसाधनों की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाकर ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।