स्वदेशी मेला में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए एसपी मोहित गर्ग, आने वाला समय स्वदेशी वस्तुओं का है

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राजनांदगांव। स्थानीय स्टेट हाई स्कूल मैदान में आयोजित सात दिवसीय स्वदेशी मेला के छठे दिन बतौर मुख्य अतिथि राजनांदगांव जिला पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता एसडीएम खेमलाल वर्मा ने की। वही विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर निगम आयुक्त अतुल विश्वकर्मा मंच पर मौजूद रहे। सभा को संबोधित करते हुए एसपी गर्ग ने कहा कि स्वदेशी क्षेत्र में हमको बहुत काम करना है। कैमरा से लेकर ड्रोन तक हमको बनाना है। आने वाला समय स्वदेशी का ही होने वाला है। वास्तव में स्वदेशी के माध्यम से देश उन्नति की ओर अग्रसर हो रहा है। हमकों यदि कश्मीर का कोई सामान चाहिए तो कश्मीर जाना पड़ता है, उत्तर प्रदेश का चाहिए उत्तर प्रदेश जाना पड़ता है। गुजरात का सामान चाहिए तो गुजरात जाना पड़ता है। राजनांदगांव के स्वदेशी मेले में हमें कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक के समान एक ही जगह आसानी से मिल जाते हैं। मैं 2 वर्षों से यहां पर इस मेले को देख रहा हूं यहां पर पूरे भारत के विभिन्न प्रदेशों से सामग्रियां आती हैं। मिलती हैं। मैं खुद इस मेले में परिवार सहित आता हूं और इसका आनंद लेता हूं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे एसडीएम खेमलाल वर्मा ने कहा कि कम समय में इतने बड़े और व्यवस्थित स्वदेशी मेला का आयोजन करना वास्तव में सराहनीय कार्य है। जैसे ही हमको जानकारी मिलती है कि मेला लगने वाला है तथा इसके विषय में कुछ काम रहता है तो हमारे अधिकारी तथा कर्मचारी बड़ी खुशी से काम करते हैं और उनको भी इस मेले का इंतजार रहता है। खुश होकर कहते हैं चलो मेला आ गया परिवार के साथ घूमने के लिए हम जाएंगे। इतने बड़े विशाल आयोजन के लिए आयोजन समिति बधाई की पात्र है। विशिष्ट अतिथि नगर निगम आयुक्त अतुल विश्वकर्मा ने कहा कि इस सफल आयोजन के लिए मैं पूरी आयोजन समिति को बधाई देता हूं। यह व्यवस्था नहीं या निर्माण का काम है। शहर का विकास और शहर के व्यक्तियों का निर्माण इस मेले के माध्यम से होता है। राजनांदगांव शहर का ऐसा ही कोई व्यक्ति छुटा होगा जो इस मेले में नहीं आता होगा। प्रत्येक व्यक्ति नगर निगम सीमा क्षेत्र और उसके बाहर के लोग इस मेले में आते हैं। परिवार सहित आनंद लेते हैं। इससे पहले कार्यक्रम का स्वागत भाषण समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी अशोक चौधरी ने दिया। आभार व्यक्त विनोद डड्ढा ने किया।
स्वदेशी मेला के सहसंयोजक मूलचंद भंसाली एवं मनोज निर्वाणी ने बताया कि सुबह से लेकर रात तक पूरे मेला प्रांगण में दोपहर में संगोष्ठी, शाम को अतिथि का सत्कार तथा स्वागत अभिनंदन उसके पश्चात गीत संगीत कार्यक्रम के माध्यम से दर्शकों को पूरा समय बिताने का अवसर इस मेले में मिलता है और मेले में नए-नए वस्तुओं को देखने नई चीजों को समझना और स्वदेशी वस्तुओं का हम कैसा उपयोग करें और स्वदेशी वस्तुओं को अपना कर कैसे अपने आप को खड़ा करें यह इस मेले का उद्देश्य रहता है।
दिनभर चले संगोष्ठी कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्री जगत ने संगोष्ठी के विषय में जानकारी दी। संगोष्ठी कार्यक्रम में स्वदेशी जागरण मंच के जिला संयोजक राजकुमार शर्मा, वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी ने अपने विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जगत जी ने कहा कि श्रीराम जी ने भी स्वदेश और स्वदेशी को अपना बनाया था। सोने की लंका को जीतने के बाद जब विभीषण ने कहा कि भगवान आप यही रह जाइए और यहाँ राज करे। तब भगवान श्री राम ने कहा था सोने की लंका मुझे नहीं चाहिए मुझे मेरी अवधपुरी मेरे स्वदेश की मेरी स्वदेशी मिट्टी मुझे बहुत प्यारी है वह मुझे सोने से भी ज्यादा प्यारी है। मुझे स्वर्ग नहीं चाहिए मुझे मेरी जन्म भूमि चाहिए और वह मुझे स्वर्ग से भी प्यारी है। स्वदेश के लिए लोगों ने बहुत कुछ छोड़ा है यही हमारी संस्कृति और परंपरा रही है। इसे हमको आगे बढ़ाना है। राजकुमार शर्मा ने बताया कि स्वदेशी जागरण मंच क्या-क्या कार्यक्रम करती है। चाहे वह मेला आयोजन हूं या संगोष्ठी आयोजन या विभिन्न प्रकार के व्यापारिक कार्यक्रम करना और युवा उद्यमी को प्रोत्साहन करने का काम स्वदेशी मेला तथा स्वदेशी जागरण मंच करता है। कैसे यह भारत मजबूत बने इस पर विचार करती है।
वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा भारत एक कृषि प्रधान देश है और भारत में स्वयं कार्य करना और दूसरों को खिलाना भारत की परंपरा रही है। भारत का किसान अपने खेत में अनाज उगाता है और सबका पेट भरता है। वह प्रकृति के भरोसे अपना जीवन यापन करता है और अतिथि को भी भूखे नहीं जाने देता। तात्पर्य यह है कि स्वयं के पुरुषार्थ से बनाया हुआ अन्न अतिथि को भी हम देते हैं। हर घर स्वदेशी हो ऐसा ही यह सोच अभी की नहीं बहुत पुरानी है। भारत में हर घर से युवा रोजगार को प्राप्त करें। उद्यमी बने पूरी दुनिया में हम आगे बढ़े। आज भारत में 33 करोड़ युवा है जितने युवा भारत में है उतने युवा विश्व के किसी देश में नहीं है। यही युवा भारत के भविष्य हैं यही भारत के उद्यमी बनेंगे और भारत को विश्व गुरु के स्थान पर ले जाएंगे। सरकार के पास इतनी नौकरियां नहीं है कि वह भारत के युवाओं को नौकरी दे सके।प्रधानमंत्री ने भी आवाहन किया है कि हर युवा उधमी बने अपने पैर पर खड़े हो ताकि हमारा देश समृद्ध हो मजबूत हो।
अतिथि मंचन के बाद देर शाम मेला परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत हुई। छालीवुड के एक्टर सुनील तिवारी के गाने का नाइट कार्यक्रम हुआ। सुमधुर गीतों ने समां बांधे रखा और दर्शक और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम को देखने के लिए इतनी संख्या में लोग पहुंचे की मेला स्थल में पैर रखने की भी जगह नहीं थी। रंगारंग कार्यक्रम की गूंज इतनी जबरदस्त थी कि आसपास से गुजरने वाले लोगों के भी पर कुछ देर के लिए थम गए। आपको बता दें कि सुनील तिवारी छत्तीसगढ़ी फिल्मों के एक्टर हैं। उनका नाम गिनीज बुक में भी दर्ज है। उन्होंने पंथी नृत्य में 10000 लोगों को एक साथ नृत्य कराया था। जिसका अवार्ड उनके नाम पर है। सांस्कृतिक कार्यक्रम का पूर्ण संचालन विजय मानिकपुरी ने किया।
स्वदेशी मेला परिसर में प्रत्येक दिन विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है। शुक्रवार को व्यंजन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। नमकीन व्यंजन प्रतियोगिता में मनीष श्रीवास्तव प्रथम और मंजूलता जोशी द्वितीय रहीं। इसी तरह मीठा व्यंजन प्रतियोगिता में अनामिका ओझा प्रथम और मनीष श्रीवास्तव द्वितीय रहीं। छत्तीसगढ़ी व्यंजन प्रतियोगिता में प्रतिभा साहू ने बाजी मारी और प्रथम स्थान प्राप्त किया। अनन्या स्वर्णकार ने द्वितीय स्थान और अनामिका ओझा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
स्वदेशी मेला का समापन समारोह 23 फरवरी को शाम 6 बजे आयोजित है। समापन समारोह में बतौर मुख्यातिथि छत्तीसगढ़ शासन के उपमुख्यमंत्री अरुण साव शामिल होंगे। वही कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व सांसद अभिषेक सिंह करेंगे। विशेष अतिथि के रूप में समाजसेवी कोमल सिंह राजपूत और विनोद डड्ढा शिरकत करेंगे। आयोजन समिति के प्रभारी भागचंद गीड़िया ने जिले की जनता से अधिकाधिक संख्या में उपस्थित का आह्वान किया है। आयोजन समिति की माने तो समापन समारोह के दौरान काफी संख्या में लोगों के आने का अनुमान है।