अंबागढ़ चौकी। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था बैसाखियों पर आ गई है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के 16 हजार से ज्यादा कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। जिले से 137 कर्मचारी जिला मुख्यालय में धरने पर बैठे हैं। हड़ताल का असर सीधा अस्पतालों की सेवाओं पर पड़ा है। मरीज घंटों भटकने को मजबूर हैं, तो वहीं ग्रामीण अंचलों में हालात और भी खराब हो गए हैं।
एनएचएम कर्मचारी बीते 20 वर्षों से सेवा देने के बावजूद अब तक नियमितीकरण और उचित वेतनमान से वंचित हैं। उनका कहना है कि सरकार से कई बार वार्ता के बावजूद केवल आश्वासन ही मिलाए ठोस कदम नहीं उठाए गए।
नियमितीकरण, समान कार्य के लिए समान वेतन, स्थानांतरण नीतिए सेवा शर्तों का निर्धारण और सामाजिक सुरक्षा लाभ जैसी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर यह आंदोलन शुरू किया गया है।
जिला अध्यक्ष संतोष चंदेल ने कहा सरकार की उपेक्षा और टालमटोल से मजबूर होकर आंदोलन करना पड़ा। यह संघर्ष सिर्फ कर्मचारियों का नहीं, बल्कि लाखों मरीजों के हित से भी जुड़ा है।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी ने कहा हमने कोरोना जैसी आपदाओं में भी अपनी जिम्मेदारी निभाई, लेकिन हक की बात करने पर सरकार मौन हो जाती है। जब तक मांगें पूरी नहीं होतींए आंदोलन जारी रहेगा।
वहीं कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष श्याम मोहन दुबे ने चेतावनी दी यदि सरकार ने तत्काल पहल नहीं की तो आंदोलन और उग्र होगा।
हड़ताल की वजह से अस्पतालों में इलाज ठप है। राष्ट्रीय पोर्टल पर स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े काम भी बंद हो गए हैं। जिला और ग्रामीण अंचलों में मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर संकट : 16 हजार एनएचएम कर्मचारी हड़ताल पर, अस्पतालों की सेवाएं ठप
