राजनांदगांव। शहर की प्रख्यात कवयित्री, लेखिका और पत्रकार श्रीमती आभा श्रीवास्तव को हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए ‘हिन्दी साहित्य काव्य गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान महाराष्ट्र स्थित इंकलाब पब्लिकेशन हाउस द्वारा प्रदान किया गया।
यह सम्मान श्रीमती श्रीवास्तव को उनकी दो कविताओं के ‘मन की उमंग’ काव्य संकलन में प्रकाशन के उपलक्ष्य में दिया गया। उनकी कविताओं को पाठकों और समीक्षकों द्वारा खूब सराहा गया। इस अवसर पर उन्हें मेडलए प्रशस्ति पत्र और शिल्ड देकर सम्मानित किया गया।
श्रीमती श्रीवास्तव इससे पहले भी कई राज्य और राष्ट्रीय स्तर के साहित्यिक सम्मानों से नवाजी जा चुकी हैं। अब तक वे तेरह पुस्तकों की लेखिका हैं। उनकी कृति ‘पगडंडी’ को विशेष लोकप्रियता मिली है। वे केवल कवयित्री ही नहीं, बल्कि लेख, जीवनी, कहानी और अन्य विधाओं में भी समान रूप से सक्रिय रही हैं।
पेशे से पत्रकार श्रीमती श्रीवास्तव को हाल ही में जय जोहार साहित्य समिति रायपुर द्वारा भी सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें ‘मेरा छत्तीसगढ़’ ग्रंथ में प्रकाशित उनके आलेख ‘छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाएं’ के लिए दिया गया। यह पुस्तक छत्तीसगढ़ रजत जयंती विशेष समारोह के अवसर पर रायपुर के वृंदावन हाल, सिविल लाइन में विमोचित की गई। आयोजन छत्तीसगढ़ मित्र और जय जोहार साहित्य संस्था के संयुक्त तत्वावधान में हुआ, जिसमें श्रीमती श्रीवास्तव ने राजनांदगांव जिले का प्रतिनिधित्व किया।
साहित्य, पत्रकारिता और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी श्रीमती श्रीवास्तव ने अपने लेखन के माध्यम से समाज के विभिन्न पहलुओं को सशक्त रूप से अभिव्यक्त किया है। उनके लेखन में संवेदना, यथार्थ और रचनात्मकता का सुंदर संगम देखने को मिलता है।
उनके इस सम्मान से शहर के साहित्यिक एवं पत्रकारिता जगत में खुशी का माहौल है। श्रीमती आभा श्रीवास्तव ने एक बार फिर यह साबित किया है कि सृजनशीलता, समर्पण और सशक्त लेखन समाज में अपनी अमिट पहचान बनाता है।
‘हिन्दी साहित्य काव्य गौरव सम्मान’ से सम्मानित हुईं आभा श्रीवास्तव
