17 लाख की इनामी महिला नक्सली कमला सोड़ी ने केसीजी पुलिस के समक्ष किया आत्मसमर्पण

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खैरागढ़। नक्सल संगठन से जुड़ी 17 लाख रुपये की इनामी हार्डकोर महिला नक्सली कमला सोड़ी उर्फ उंगी उर्फ तरूणा (आयु 30 वर्ष) ने आज पुलिस अधीक्षक, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई (केसीजी) के समक्ष आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।
कमला सोड़ी वर्ष 2011 से माओवादी संगठन से जुड़ी रही। वह प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के माड़ डिवीजन, बस्तर एमएमसी (मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ जोन) की सक्रिय कैडर रही है। संगठन में वह एमएमसी जोन प्रभारी रामदर की टीम की प्रमुख सदस्य के रूप में कार्यरत थी।
कमला पर मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ पुलिस ने संयुक्त रूप से 17 लाख रूपये का इनाम घोषित किया था। वह मूल रूप से ग्राम अरलमपल्ली, तहसील कोंटा, थाना बोरनापाल, जिला सुकमा (छत्तीसगढ़) की निवासी है।
सूत्रों के अनुसार, कमला सोड़ी नक्सल संगठन में मिलिट्री हार्डकोर सदस्य के रूप में कार्यरत थी। उसने दंडकारण्य और एमएमसी जोन के कई इलाकों में संगठनात्मक और हिंसक गतिविधियों में भाग लिया। वह नए युवाओं की भर्ती, प्रचार कार्य और सुरक्षा बलों पर हमलों की योजना बनाने में भी शामिल रही।
जिला पुलिस एवं सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों से लगातार चलाए जा रहे संवाद, संपर्क और प्रेरणा कार्यक्रमों का यह सकारात्मक परिणाम माना जा रहा है।
टीम केसीजी पुलिस द्वारा चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियानों, सिविक एक्शन कार्यक्रमों और ग्राम स्तर पर जनसंपर्क अभियानों से ग्रामीणों में विश्वास बढ़ा है।
शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 के तहत नक्सलियों को मुख्यधारा में जोड़ने का अभियान जारी है। इन्हीं प्रयासों से प्रेरित होकर कमला ने हिंसा का रास्ता छोड़ने और समाज के साथ सामान्य जीवन जीने का निर्णय लिया।
सुरक्षा बलों के निरंतर अभियान, ग्रामीण अंचलों में चल रहे विकास कार्य, सड़क, परिवहन, पानी, बिजली और नेटवर्क की उपलब्धता तथा जनकल्याणकारी योजनाओं ने ग्रामीणों में विश्वास जगाया है।
सामुदायिक पुलिसिंग के तहत संवाद और विश्वास निर्माण की प्रक्रिया से नक्सल प्रभावित इलाकों में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। कमला सोड़ी का आत्मसमर्पण इसी परिवर्तन और विश्वास के माहौल का प्रमाण है।
आत्मसमर्पित महिला नक्सली को शासन की नक्सलवाद उन्मूलन नीति के तहत 50,000 रूपये की प्रोत्साहन राशि तत्काल प्रदान की गई है।
साथ ही, पुनर्वास नीति-2025 के अंतर्गत अन्य सुविधाएं प्रदान किए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
वर्षों तक जंगलों में हिंसा और भय का जीवन जी चुकी कमला अब मुख्यधारा में शामिल होकर समाज के साथ नई शुरुआत करने जा रही है।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह आत्मसमर्पण न केवल शासन की नीति की सफलता है, बल्कि यह संदेश भी कि संवाद और विकास से बदलाव संभव है।