2009 के सेटअप का हो पालन, नियम विरूद्ध एवं विसंगति युक्त युक्तिकरण किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं

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राजनांदगांव। युक्त युक्तिकरण का जिन्न एक बार फिर से बाहर आया है, यह वही पुराना नियम है जिसे पिछले साल लागू किया जा रहा था, उस समय प्रदेश के सभी शिक्षक संगठनों के द्वारा उक्त गलत तरीके से हो रहे युक्त युक्तिकरण का जमकर विरोध किया गया। इसके बाद सरकार ने इसे वापस ले लिया था।
अब एक बार फिर से इस रद्द हो चुके नियम को शिक्षा सत्र के लास्ट में फिर से थोपने का असफल कोशिश राज्य सरकार एवं शिक्षा विभाग द्वारा किया जा रहा है। पिछले बार जब यह युक्तिकरण स्थगित किया गया, तब सभी शिक्षक संगठनों को राज्य सरकार एवं शिक्षा विभाग द्वारा अस्वस्थ किया गया था कि जब भी युक्तिकरण लागू होगा, तब सभी शिक्षक संगठनों से मार्गदर्शन एवं सुझाव लिए जाएंगे, लेकिन बिना किसी मार्गदर्शन एवं सुझाव के ही युक्त युक्तिकरण को फिर से थोपा जा रहा है।
उक्त युक्त युक्तिकरण को छत्तीसगढ़ जागरूक शिक्षक संघ ने शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने वाला एवं गैर जिम्मेदाराना फैसला बताया है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू, प्रदेश उपाध्यक्ष तुलसी राम पटेल, शिवकुमार साहू, बीरेंद्र साहू, लता मलिक, प्रदेश सचिव राजेंद्र लाडेकर, प्रदेश महामंत्री पुरुषोत्तम शर्मा, नरेंद्र तिवारी, प्रदेश महासचिव महेश्वर कोटपरहिया, भोजराम साहू, गायत्री मंडलोई, केशव पटेल, कमलेश भारती, बैजनाथ यादव आदि ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि उक्त विसंगति युक्त युक्तिकरण से राज्य का शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह बर्बाद एवं चौपट हो जाएगा।
यह राज्य सरकार का अव्यावहारिक एवं गैस जिम्मेदाराना निर्णय है। प्राथमिक शाला में सिर्फ दो शिक्षकों की नियुक्ति रहेगी। प्रधान पाठक को भी शिक्षक माना गया है। प्राथमिक शाला में पढ़ाई व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर जाएगा। विभाग द्वारा पहले से ही नाना प्रकार के कार्य थोपे गए है। जनगणना, पशु गणना, विभिन्न प्रकार के सर्वे सहित अन्य प्रकार के कार्य। यह सारे कार्य प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक करते हैं।
प्राइवेट स्कूलों में पांच कक्षाओं के लिए पांच शिक्षक रहते हैं, अन्य स्टाफ भी रहते हैं, परंतु यहां पर सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान पाठक सहित सिर्फ दो शिक्षक रखने से स्कूल नहीं चल पाएगा। इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर बुरी तरह असर पड़ेगा।
छत्तीसगढ़ जागरूक शिक्षक संघ ने कहा है कि युक्त युक्तिकरण करण पूरी तरह गलत एवं अव्यवहारिक तथा गैरजिम्मेदाराना है, इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। सभी शिक्षक मिलकर प्रदेशभर में व्यापक आंदोलन करेंगे। संघ के सभी पदाधिकारियों ने कहा है कि सरकार मूल मुद्दे से भटकाना चाहती है, यदि स्कूलों में शिक्षक की कमी है तो नए शिक्षकों की भर्ती की जानी चाहिए, लेकिन सेटअप को बदलना और स्कूली बजट कम करने व पैसा बचाने के लिए स्कूूलों में शिक्षकों की कमी करना ये कतई बर्दास्त नहीं करेंगे।
अभी कोर्ट में क्रमोन्नति देने का आदेश हुआ है। उक्त क्रमोन्नति के आदेश को लागू करने के बजाय राज्य सरकार द्वारा युक्त युक्तिकरण जैसा अव्यवहारिक निर्णय फिर से थोपा जा रहा है, जो पूरी तरह गलत है व मुख्य एवं जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है।
युक्तिकरण होने चाहिए, लेकिन यह पूर्णतः विसंगति मुक्त होना चाहिए। ऐसे विद्यालय जहां पर सेटअप से ज्यादा शिक्षक पदस्थ हैं, उन अधिक शिक्षकों को हटाया जाए, ना की विद्यालय में शिक्षकों की संख्या को कम किया जाए।
2009 का सेटअप शिक्षा के अधिकार के तहत बनाया गया है, जिसमें प्राथमिक विद्यालय में प्रधान पाठक सहित कम से कम तीन शिक्षक पदस्थ रहेंगे, जो दर्ज संख्या के अनुपात में शिक्षकों की संख्या में वृद्धि होती जाएगी। अन्य नियमों के लिए या विभाग में अन्य योजनाओं के लिए शिक्षा के अधिकार से छेड़छाड़ नहीं करने की बात की जाती है, परंतु विद्यालय में शिक्षकों को कम करने के लिए 2009 के सेटअप को ध्वस्त किया जा रहा है। जिसका संगठन द्वारा हर स्तर पर जमकर और खुलकर तथा पुरजोर विरोध किया जाएगा।
संगठन के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रोहित कुमार पटेल, अमर दास बंजारे, रामसेवक पैकरा, राजेंद्र कुमार साहू, जगदीश साहू, दिनेश कुमार लहरे, देवेंद्र वर्मा, प्रमोद कुंभकार, दिनेश निर्मलकर, संतोष जैन, मनोज यादव, अभिषेक तिवारी, सुषमा प्रजापति, नारद सहारे, मुकेश दिवाकर, शंभूराम साहू, चंद्रशेखर सारथी, रेखा पुजारी, अरविंद पांडे, देवीदयाल साहू, फूूलदेव गुप्ता, हीरालाल विश्वकर्मा, ज्वाला बंजारे, महेश शर्मा, बिमला लकड़ा, मंजू शर्मा, तुलसा मंडावी, नंदकुमार पटेल, रूलिका लकड़ा, नूरजहां खान, रूपेंद्र कुमार साहू, कोमल सिंह गुरु, तिलक खांडे, कुलदीप सिन्हा, कौशल्या कोले, शशिमा कुर्रे, विनोद सिंह राजपूत, मनीषा मिंज, कजला महिलांगे, कुलेश्वरी साहू, कैलाशचंद्र ठाकुर आदि सहित समस्त प्रदेश, जिला एवं ब्लाक पदाधिकारियों ने युक्त युक्तिकरण के उक्त आदेश को गलत, अव्यवहारिक एवं राज्य के शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने वाला बताने हुए इसे तुरंत रद्द करने की मांग करते हुए राज्य सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी है।