राजनांदगांव।(नांदगांव टाइम्स) जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष और जिला साहू समाज के अध्यक्ष भागवत साहू ने कांग्रेस पार्टी के आंतरिक षड्यंत्र और उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 3 फरवरी को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर इस संबंध में अवगत कराया था।

आरोप: पार्टी नेताओं ने किया साजिशन नुकसान
भागवत साहू का आरोप है कि जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 03 टेरेसरा से कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में उन्हें चुनावी मैदान में उतारा गया था, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उन्हें किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं दिया। इसके विपरीत, शहर और ग्रामीण क्षेत्र के कुछ नेताओं ने मिलकर साजिशन उनकी हार सुनिश्चित की। श्री साहू ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए समर्पित होकर काम किया, बावजूद इसके पार्टी नेतृत्व ने उन्हें उपेक्षित किया।
नेताओं पर गंभीर आरोप
श्री साहू ने तत्कालीन लोकसभा प्रत्याशी, विधानसभा प्रत्याशी, डोंगरगांव व डोंगरगढ़ के वर्तमान विधायकों और पूर्व जिला अध्यक्ष नवाज खान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि इन नेताओं ने धनबल और बाहुबल का इस्तेमाल कर कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी को हराकर बागी प्रत्याशी अंगेश्वर देशमुख को जिताने का काम किया।
पत्र में व्यक्त की पीड़ा
पूर्व मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में भागवत साहू ने कहा, “मैंने पार्टी नेतृत्व को समय रहते स्थिति से अवगत कराया था, लेकिन मेरी बात को अनदेखा किया गया। मुझे भ्रमित किया गया और बागी प्रत्याशी को खुलकर समर्थन दिया गया।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस घटना से कांग्रेस पार्टी की छवि को गहरा नुकसान हुआ है और बहुसंख्यक साहू समाज में असंतोष फैल गया है।
संगठन पर उठाए सवाल
श्री साहू ने कहा कि कांग्रेस में आंतरिक गुटबाजी चरम पर है और कुछ नेता पार्टी को कमजोर करने में लगे हैं। उन्होंने लिखा, “मैं जब खुद न्याय पाने में असफल हूं, तो कार्यकर्ताओं को कैसे न्याय दिला पाऊंगा? ऐसी स्थिति में अध्यक्ष पद पर बने रहना उचित नहीं है।”
भविष्य की रणनीति
हालांकि, भागवत साहू ने स्पष्ट किया कि वह कांग्रेस पार्टी में एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय रहेंगे और पार्टी हित में काम करते रहेंगे। साहू समाज के नेताओं और स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनकी इस पीड़ा पर नाराजगी जताई है और जल्द ही बैठक कर आगे की रणनीति बनाने की बात कही है।