बीजापुर (नांदगांव टाइम्स) (छत्तीसगढ़) नक्सल उग्रवाद को एक और बड़ा झटका देते हुए, गंगालूर एरिया कमेटी के तीन हार्डकोर माओवादी गुरुवार को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर चुके हैं। उन्होंने कहा, “अब हम थक चुके हैं। हम अब हिंसा के रास्ते पर नहीं चल सकते क्योंकि हमें माओवादी विचारधारा पर विश्वास नहीं रह गया है। हम सामान्य जीवन जीना चाहते हैं और समाज की मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं।”
सरेंडर करने वाले नक्सली
1. लख्खू करम उर्फ गुंडा (45) – पीडिया के आरपीसी डीएकेएमएस (Dandkaranya Adivasi Kisan Majdoor Sangh) के अध्यक्ष थे और उनके सिर पर ₹1 लाख का इनाम था।
2. सुखराम अवलम (30) – पीडिया आरपीसी जनताना सरकार के पूर्व अध्यक्ष थे और उन पर भी ₹1 लाख का इनाम था।
3. नर्सू बोड्डू उर्फ नेटी (26) – कामकानार आरपीसी मिलिशिया प्लाटून सी सेक्शन के डिप्टी कमांडर थे।

बीते वर्षों में इनका आपराधिक इतिहास
तीनों माओवादी लंबे समय से नक्सली संगठन से जुड़े हुए थे और कई अपराधों में शामिल रहे हैं।
2021: इडसमेटा से गंगालूर तक सड़क को गड्ढा खोदकर अवरुद्ध करने का मामला।
2022: जन अदालत लगाकर मंगल अवलम की हत्या।
2017: गोंगला से मर्रीवाड़ा सड़क पर गड्ढा खोदकर पांच स्पाइक होल लगाने का अपराध।
2019: कामकानार कमलूपारा के पास आईईडी प्लांट करना।2022 और 2024: कामकानार गांव की पेटावाड़ा पहाड़ी पर स्पाइक होल लगाना।
सरकार से पुनर्वास सहायता
बीजापुर डीएसपी शरद जायसवाल ने जानकारी दी कि तीनों नक्सलियों को ₹25,000 की आर्थिक सहायता दी गई है। इसके अलावा, राज्य सरकार की पुनर्वास योजना के तहत उन्हें जमीन, आवास और अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी। सरेंडर करने वाले नक्सलियों को सरकार की ओर से ₹10,000 का मासिक वजीफा भी दिया जाएगा।
नक्सलवाद खत्म करने की रणनीति
छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद को खत्म करने के लिए “नियाद नेल्लनार” और “लोन वर्राटु” जैसी दो महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई हैं। इन योजनाओं के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को आर्थिक मदद के साथ-साथ सुरक्षित पुनर्वास की गारंटी दी जाती है।
केंद्र सरकार भी नक्सलवाद के खिलाफ आक्रामक रणनीति अपना रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक देश से पूरी तरह नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए राज्य सरकारें नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विशेष ऑपरेशन चला रही हैं।
2025 में माओवादियों को बड़ा झटका
अब तक 45 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं।पिछले दो महीनों में 119 नक्सली गिरफ्तार किए गए।इस साल अब तक 56 नक्सली मुठभेड़ में ढेर किए गए।
नक्सल प्रभावित इलाकों में बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स, कोबरा बटालियन, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और जिला पुलिस बल के संयुक्त प्रयास से लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं। सरकार का लक्ष्य जल्द से जल्द नक्सलवाद का सफाया कर प्रभावित इलाकों में शांति और विकास लाना है।