राजनांदगांव। नई शिक्षा निति को प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लागू किया जा चुका है, वहीं मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा देने वाले स्कूलों को बंद कर दिया जा रहा है, जबकि नई शिक्षा नीति में यह स्पष्ट उल्लेख है कि प्राथमिक शिक्षा मातृ भाषा में ही दिया जाएगा।
गंजपारा में स्थित हिन्दी माध्यम स्कूल को जबरन बंद कर वहां अंग्रेजी माध्यम स्कूल आरंभ कर दिया गया, वहीं म्युनिस्पिल स्कूल में भी प्राथमिक हिन्दी माध्यम स्कूल बंद कर अंग्रेजी माध्यम स्कूल आरंभ कर दिया गया, जबकि शासन से इन दोनों हिन्दी माध्यम स्कूलों को बंद करने का आज पर्यन्त आदेश नहीं दिया है।
माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर ने भी इन बंद किए गए प्राथमिक हिन्दी माध्यम स्कूलों को आरंभ करने वर्ष 2023 को आदेश दिया था, जिसके पश्चात शासन ने भी इन जबरन बंद किए गए प्राथमिक हिन्दी माध्यम स्कूलों को आरंभ करने का आदेश दिया है। बावजूद इसके राजनांदगांव के जिला शिक्षा अधिकारी इन दोनों स्थानों पर प्राथमिक हिन्दी माध्यम स्कूल आरंभ करने में कोई रूचि नहीं दिखा रहे है।
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल विगत एक वर्ष से जिला शिक्षा अधिकारी को लिखित आवेदन कर इन दोनों स्थानों में जबरन बंद किए गए प्राथमिक हिन्दी माध्यम स्कूलों को आरंभ करने का आग्रह कर रहे है, लेकिन इन दोनों स्थानों में अब तक प्राथमिक हिन्दी माध्यम स्कूल आरंभ करने की कोई कवायद नजर नहीं आ रही है।
श्री पॉल का कहना है कि प्रायवेट स्कूलों और कुछ राजनीतिक दबाव के कारण इन दोनों स्थानों में प्राथमिक हिन्दी माध्यम स्कूल आरंभ नहीं किया जा रहा है, जो कोर्ट के आदेश की अवलेहना है।
श्री पॉल ने बताया कि इस मामले में उनके द्वारा जल्द माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में डीईओ के खिलाफ कंटेम्ट याचिका दायर किया जावेगा।
गंजपारा और म्युनिस्पिल में प्राइमरी हिन्दी माध्यम स्कूल आरंभ करें : क्रिष्टोफर पॉल
