राजनांदगांव। विश्व नशामुक्ति दिवस के अवसर पर गुरूवार को एकीकृत पुनर्वास केंद्र (नशामुक्ति केंद्र), राजनांदगांव में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजा-अर्चना से हुई, जिसमें केंद्र में उपचाररत पुराने मरीजों ने भी भाग लिया। इसके बाद मुख्य अतिथियों का पारंपरिक तरीके से पुष्प-गुच्छ एवं तिलक लगाकर स्वागत किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. योगेश कन्नौजे उपस्थित रहे। विशेष अतिथि के रूप में संस्था अध्यक्ष शिशुपाल खोब्रागढ़े और वरिष्ठ स्टाफ सदस्य नागेश मुंजारे की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस दौरान केंद्र के समन्वयक अरविंद मेरावी ने पुनर्वास केंद्र की गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि संस्था का प्रयास केवल उपचार नहीं, बल्कि पूर्ण जीवन पुनर्निर्माण है।
कार्यक्रम में उपस्थित हितग्राहियों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे उन्होंने नशे की गिरफ्त से बाहर निकलकर जीवन की नई राह पकड़ी। वक्ताओं ने नशा मुक्ति के लिए चिकित्सा परामर्श, वैज्ञानिक उपायों और आत्म.संकल्प को जरूरी बताया।
अपने संबोधन में डॉ. कन्नौजे ने कहा, नशा चाहे किसी भी प्रकार का हो-शराब, तम्बाकू, गांजा या अन्य मादक पदार्थ-यह शरीर, मन और आत्मा को खोखला कर देता है। इससे न केवल व्यक्ति, बल्कि परिवार, समाज और राष्ट्र भी प्रभावित होता है। इससे बचाव के लिए जन-जागरूकता और चिकित्सा सहयोग अनिवार्य है।
संस्था अध्यक्ष शिशुपाल खोब्रागढ़े ने समाज में बढ़ते नशे के प्रकोप पर चिंता जताते हुए कहा, नशा धीरे-धीरे शरीर को खोखला और आत्मा को अंधकार में ले जाने वाला धीमा जहर है। जिस युवा पीढ़ी को देश की नींव बनना था, वह नशे की गिरफ्त में है। इसे रोकने के लिए हर वर्ग को एकजुट होकर काम करना होगा।
कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए केंद्र प्रबंधक अरविंद मेरावी एवं उनकी टीम को सराहना मिली। अंत में उपस्थित जनों ने सामूहिक रूप से नशा न करने और दूसरों को भी इससे दूर रखने का संकल्प लिया।
इस प्रेरणादायी आयोजन का मुख्य उद्देश्य लोगों को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराना और समाज को नशामुक्त बनाने की दिशा में सामूहिक प्रयास को बल देना रहा।
विश्व नशामुक्ति दिवस पर नशामुक्ति केंद्र में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
