राजनांदगांव। शहर में बड़े तामझाम और ब्रांडेड फ्रेंचाईजी के नाम पर शुरू हुए श्री चैतन्य टेकनो स्कूल को लेकर छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसिएशन ने गंभीर आरोप लगाए हैं। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने स्कूल की शिकायत जिला कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी समेत चार वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित रूप में देकर उच्च स्तरीय जांच समिति गठित करने की मांग की है।
शिकायत में कहा गया है कि डी-मार्ट के पास स्थित इस स्कूल में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। पालकों को सीबीएसई पैटर्न का भ्रम देकर मोटी फीस वसूली जा रही है, जबकि स्कूल का सीबीएसई से कोई सीधा संबंध नहीं है।
किताबें भी मान्यता के विरुद्ध
क्रिष्टोफर पॉल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार से राज्य बोर्ड (एससीईआरटी/सीजी बोर्ड) की मान्यता प्राप्त इस स्कूल में न तो शासन द्वारा निर्धारित निःशुल्क किताबें दी जा रही हैं, न ही राज्य बोर्ड का पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है। इसके बजाय स्कूल ने अपना खुद का पाठ्यक्रम और किताबें लागू कर रखी हैं, जो केवल स्कूल में ही उपलब्ध हैं।
सीबीएसई के नाम पर भ्रम फैलाने का आरोप
शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि स्कूल सीबीएसई पैटर्न के नाम पर पालकों को गुमराह कर रहा है। कई पालक यह मानकर अपने बच्चों को स्कूल में भर्ती करा रहे हैं कि यहां सीबीएसई का सिलेबस पढ़ाया जा रहा है, जबकि हकीकत इससे कोसों दूर है।
पालकों से की गई भारी फीस वसूली
बड़ी बिल्डिंग, वातानुकूलित कक्षाएं और चमकदार प्रचार के सहारे स्कूल ने पालकों को आकर्षित कर भारी-भरकम फीस वसूली है। लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता और मान्यता को लेकर गंभीर अनियमितता सामने आ रही है।
शिक्षा विभाग से जांच की मांग
छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसिएशन ने जिला शिक्षा अधिकारी से मांग की है कि तत्काल इस स्कूल की प्रशासनिक व शैक्षणिक जांच कराई जाए और यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो स्कूल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं
क्रिष्टोफर पॉल ने कहा कि पालकों को झूठे सपने दिखाकर बच्चों के भविष्य से खेला जा रहा है। यह न केवल शैक्षणिक धोखा है, बल्कि पालकों की मेहनत की कमाई से भी धोखाधड़ी है। अब समय आ गया है कि शिक्षा के नाम पर व्यापार करने वालों पर कानूनी शिकंजा कसा जाए।
शहर में यह मामला अब चर्चा का विषय बन गया है और शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर रहा है। अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है।