फंड के अभाव में नगर पंचायत के कर्मचारियों को तीन माह से वेतन नहीं, पार्षदों का मानदेय भी महीनों से लंबित

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अंबागढ़ चौकी। नवीन जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ चौकी के एकमात्र नगरीय निकाय नगर पंचायत अंबागढ़ चौकी के रेगुलर कर्मचारियों को पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिला है। नगर पंचायत के नियमित अधिकारी-कर्मचारियों ने आज अपने यूनियन के माध्यम से वेतन की मांग को लेकर नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल मानिकपुरी व सीएमओ विजय पांडेय को ज्ञापन सौप कर तत्काल वेतन दिलाने की मांग की है। हर माह वेतन नहीं मिलने से परेशान अधिकारी-कर्मचारी वेतन की मांग को लेकर सड़क में उतरने की तैयारी कर रहे है।
बताया जाता है कि निकाय के अधिकारी-कर्मचारी जुलाई माह के पहले सप्ताह में वेतन की मांग को लेकर आंदोलन में जा सकते है। नगरीय निकाय छग अधिकारी-कर्मचारी कल्याण संघ से संबंध नगर पंचायत अंबागढ चौकी वेतन की मांग को लेकर जुलाई में काम का बहिष्कार कर सडक में उतर सकते है।
अधिकारी-कर्मचारी कल्याण संघ के अध्यक्ष राजीव बारसागढ़े, मो. सोफू जिलानी, जलील अहमद रब्बानी, श्यामलाल यादव, दशरथ शर्मा, तिलक यादव, मकबूल खान, पीर खान, जीवन पटेल, रामसाय पटेल, दीपक सलामे, निजाम साय पटेल, सुरेन्द्र सिन्हा, कृष्णा पटेल, रघुवेन्द्र खरे, रामकुमार देवांगन, हेमंत अमिला, रामकुमार देवांगन, कविता तिवारी, कविता मंडावी, कंचन लकडा, लोकेश सलामे इत्यादि कर्मचारियों ने बताया की उन्हें अप्रैल महिने से वेतन ही नहीं मिला है। हर माह नियमित वेतन नहीं मिलने से उनकी माली हालत खराब हो गई है। वे कर्ज में डूब गए है। कर्मचारियों ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए बताया कि उन्हें कभी भी नियमित रूप से हर माह वेतन नहीं मिलता है। हर बार वेतन के लिए तीन या चार महीने इंतजार करना पड़ता है। समय पर वेतन नहीं मिलने से उनके समक्ष परिवार चलाने की समस्या खड़ी हो गई है। वेतन के अभाव में उनकी दशा इतनी खराब है की वे न तो अपने बच्चों का स्कूल में एडमिशन करा पा रहे है और न ही अपने परिवार के बीमार सदस्यों का उपचार करा पा रहे है। निकाय के अधिकारी-कर्मचारियों ने शासन-प्रशासन से जल्द से जल्द वेतन का भुगतान करने की मांग की है।
नगर पंचायत के वर्तमान ही नही पिछली परिषद के पार्षदों का मानदेय भी महीनों लटका हुआ है। जानकारी के अनुसार पिछली परिषद के अधिकांश पार्षदों जिनका कार्यकाल खत्म हो गया है उन्हें भी मानदेय के लिए राह देखनी पड़ रही है। पिछली परिषद के पार्षद विमला कलिहारी, शीतल भूआर्य, मुकेश सिन्हा, श्रीमती सविता मानिकपुरी ने बताया कि उन्हें अभी तक पिछले एक वर्ष के मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है। इधर नई परिषद का कार्यकाल फरवरी माह में निर्वाचन के बाद शुरू हो गया है, लेकिन उन्हे भी मानदेय मिलना शुरू नहीं हुआ है।